
Digvijay Singh Latest News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) दौरे पर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग निष्पक्षता से अपना काम नहीं कर रहा है. ऐसे में आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव सहित अन्य राज्यों के चुनाव भी संदेह के घेरे में हैं.
उन्होंने दोहराया कि हाल ही में हमारे नेता राहुल गांधी ने बेंगलुरु की महादेवपुरा विधानसभा सीट में एक लाख से ज्यादा फर्जी वोटर का जो घोटाला पकड़ा है, उससे चुनाव आयोग की भूमिका संदिग्ध हो गई है. बिहार के स्पेशल इन्वेसिव रिवीजन यानी एसआईआर भी शक के दायरे में हैं, क्योंकि एक झटके में 65 लाख वोटर मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं. ऐसे में चुनाव आयोग को अपनी विश्वसनीयता जतानी होगी. वहीं, भाजपा को भी आगे आकर इस मामले में सफाई देनी चाहिए.
आयोग को आम लोगों का भरोसा जीतना होगा
एक सवाल के जवाब में दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाता पुनर्निरीक्षण के दौरान 50 लाख फर्जी वोटर का पता लगाया गया था. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के बारे में चुनाव आयोग को आम लोगों का भरोसा जीतना होगा.
सिंधिया के साथ मंच साझा करने दी सफाई
भोपाल में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के आग्रह पर मंच साझा करने के सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि भले ही सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गए हैं, लेकिन वह आखिरकार उनके पुत्र के समान हैं. उनके पिता के साथ मैंने काम किया है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि ग्वालियर में हमने जो मंच साझा नहीं करने की बात ही थी, वह कांग्रेस का मंच साझा करने की बात थी, न कि निजी कार्यक्रमों में मंच साझा नहीं करने की.
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पहलगाम में हुई आतंकी घटना पर केंद्र सरकार के रुख को पूर्व मुख्यमंत्री ने हैरानी भरा बताया. उनका कहना है कि मुंबई की आतंकी घटना के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री और गृहमंत्री का इस्तीफा हो गया था, लेकिन पहलगाम की घटना के बाद किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की गई. उन्होंने कहा कि कश्मीर के बेहद संवेदनशील लेकिन पर्यटन स्थल पर लोगों की भीड़ के बावजूद वहां न तो पुलिस तैनात थी और न ही अर्धसैनिक बल तैनात थे. ऐसे में आतंकी आए और इतनी बड़ी घटना को अंजाम देकर चले गए. यदि विदेश में इस तरह की घटना होती, तो वहां के जिम्मेदार लोगों का इस्तीफा हो गया होता.
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