
दमोह के देहात थाना क्षेत्र में आने वाले देवरान गांव में वर्ष 2022 में हुए तिहरे हत्याकांड के मामले में विशेष न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए छह दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सरकार की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी डीएस तारन के निर्देशन में मामले की पैरवी एडीपीओ सतीश कपस्या ने की. उन्होंने बताया कि जगदीश पटेल ने अपने परिजन मनीष, सौरभ, घनश्याम, कोदूलाल, पत्नी वंदना के साथ मिलकर पड़ोस में रहने वाले मानक अहिरवार, उसके पिता घमंडी और मां राज प्यारी अहिरवार की गोली मारकर हत्या कर दी थी. वारदात को अंजाम 25 अक्टूबर 2022 को दिया गया था.
इस मामले में पुलिस ने आरोपी जगदीश सभी को आरोपी बनाया था. वारदात के 2 दिन बाद ही सभी की गिरफ्तारी हो गई थी, तभी से सभी जेल में हैं.
नाबालिग आरोपी का मामला विचाराधीन
एडीपीओ कपस्या ने बताया कि विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट उदय सिंह मरावी ने तर्कों से सहमत होकर दोषियों को तिहरे उम्र कैद की सजा सुनाई है, जिसमें धारा 302, 307, एससी-एसटी एक्ट और आर्म्स एक्ट शामिल है, आरोपियों पर जुर्माना भी लगाया गया है. हत्याकांड में एक नाबालिग भी आरोपी है, जिसका मामला किशोर न्यायालय में विचाराधीन है.
हत्याकांड वाले बदले हथियार
न्यायालय में पुलिस की ओर से तर्क रखा गया था कि आरोपी ने लाइसेंसी बंदूक हत्याकांड में उपयोग की, लेकिन उससे केवल दो गोलियां चली थीं तो बाकी गोलियां कैसे चलीं. आरोपियों की गिरफ्तारी के समय पुलिस ने एक देसी कट्टा भी बरामद किया था, लेकिन रिपोर्ट में उस कट्टे से भी गोलियां चलने की पुष्टि नहीं हुई. जांच में पता चला कि 2 दिन बाद हुई गिरफ्तारी के कारण आरोपियों ने अपने उन हथियारों को बदल दिया था, जिससे हत्याकांड को अंजाम दिया था.
हत्याकांड के पीछे की वजह बताई गई थी कि आरोपी मानक अहीरवाल जगदीश की पत्नी वंदना को मृतक बुरी नजर से देखता था, जिसकी शिकायत बंदना ने अपने पति जगदीश से कि जिस बात पर आगबबूला हुए जगदीश ने अपने परिजनों के साथ मिलकर इस ठहरे हत्याकांड को अंजाम दे दिया.
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