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This Article is From Aug 01, 2024

MP Primary Teacher Recruitment: एमपी हाईकोर्ट के फैसले के बाद प्राथमिक शिक्षक भर्ती का रास्ता हुआ साफ, ये था विवाद

हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में पात्रता परीक्षा में शामिल होने के न्यूनतम आयु 18 वर्ष और भर्ती में शामिल होने की आयु 21 वर्ष पर आपत्ति जताई. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर की डिवीजन बैच कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ ने वर्ष  2022 से लंबित 13 याचिकाओं पर कॉमन आदेश जारी कर निराकरण कर दिया.

MP Primary Teacher Recruitment: एमपी हाईकोर्ट के फैसले के बाद प्राथमिक शिक्षक भर्ती का रास्ता हुआ साफ, ये था विवाद
ndtv file photo

MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में आयु विवाद की वजह से अटके पड़े 18000 प्राथमिक शिक्षक भर्ती का रास्ता गुरुवार को साफ हो गया. दरअसल, आयु विवाद के बाद प्राथमिक शिक्षक भर्ती लटक गया था. दरअसल, अभ्यर्थियों ने सरकारी आदेश को चुनौती देते हुए कोर्ट में 13 अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की थी. इसके बाद कोर्ट ने सभी याचिकाओं का एक साथ निकारण करते हुए गुरुवार को अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी.

हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में पात्रता परीक्षा में शामिल होने के न्यूनतम आयु 18 वर्ष और भर्ती में शामिल होने की आयु 21 वर्ष पर आपत्ति जताई. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर की डिवीजन बैच कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ ने वर्ष  2022 से लंबित 13 याचिकाओं पर कॉमन आदेश जारी कर निराकरण कर दिया.

ये हैं मामला

दरअसल, याचिकाकर्ता प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2020 की पात्रता परीक्षा को 18 वर्ष की आयु में उत्तीर्ण कर चुके थे. इसके बाद  डीपीआई एवं ट्राइबल वेलफेयर विभाग द्वारा लगभग 18 हजार पदों की भर्ती हेतु संयुक्त काउंसलिंग की गई, जिसमें नई नियम पुस्तिका जारी कर एक जनवरी 2022 की स्थिति में नियुक्ति हेतु अभ्यर्थी की न्यूनतम  आयु 21 वर्ष निर्धारित की गई. अब चूंकि याचिकाकर्ताओं  ने 18 वर्ष की आयु में ही सम्पूर्ण भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली थी. लेकिन, इस भर्ती के अंत में यह कहते हुए नियुक्ति नहीं दी गई कि वे निर्धारित आयु 21 वर्ष से कम के हैं.

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कोर्ट में अभ्यर्थीयों ने ये दी दलील

पीड़ित अभ्यर्थीयों ने डीपीआई की ओर से जारी निर्देशिका और भर्ती नियम 2018 की संवैधानिकता को चुनौती दी थी. करीना उइके, अंकिता इरपाचे, जिज्ञासा साहू, रक्षा माली और हरिकेश बिसेन की ओर से दायर की गई 13 याचिकाओं पर गुरुवार को अंतिम सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने समस्त याचिकाओं को निराकृत कर डीपीआई को निर्देशित किया कि 01/01/2024 की स्थिति में याचिकाकर्ताओं की आयु को 21 वर्ष की गणना करके नियुक्ति पत्र जारी किए जाएं. आपको बता दें कि इस पूरे मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर और दिनेश चौहान ने पैरवी की थी. 

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