Liquor Price Hike in MP: 1 अप्रैल 2024 से मध्य प्रदेश में शराब के नए ठेके शुरु हो गए हैं. मध्य प्रदेश के देवास जिले में भी देशी-विदेशी (Domestic And Foreign Liquor) शराब के नए ठेके नीलाम हुए हैं. शराब के नए ठेके को लागू हुए कुछ दिन ही बीते है और शहर के शराब ठेकेदारों (Liquor Contractor) ने मनमानी शुरु कर दी है. देशी-विदेशी शराब निर्धारित मूल्य (MRP) से अधिक दाम (Rate) पर खुलेआम बेची जा रही है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह सबकुछ आबकारी विभाग (Excise Department) के अधिकारियों के संरक्षण में हो रहा है. शराब प्रेमियों का कहना है कि शराब ठेकेदार जहां ग्राहकों के जेब पर डाका डालकर बेहिसाब मुनाफा कमा रहे हैं, वहीं विभागीय अधिकारियों की भी जेब भर रहे हैं.
क्यों चुप्पी साधकर बैठा है आबकारी विभाग?
शराब व्यापार (Liquor Business) से जुड़े सूत्रों की माने तो लाइसेंसी ठेकेदारों द्वारा निर्धारित मूल्य (Print Rate) से अधिक दाम पर शराब बेची जा रही है और इस तरह प्रत्येक शराब की दुकान पर प्रतिदिन 50 हजार से अधिक की अतिरिक्त कमाई (Extra Income) हो रही है. इस अतिरिक्त कमाई का हिस्सा विभागीय अधिकारियों तक भी पहुंच रहा है. शायद यही वजह है कि अधिकारियों ने इस गंभीर मामले में भी चुप्पी साध रखी है.
शराब की बोतल (Wine Bottle) पर एमएसपी (MSP) और एमआरपी (MRP) अंकित रहता है. जिसका साफ मतलब है कि शराब ठेकेदार एमएसपी और एमआरपी के बीच में शराब का विक्रय करेगा. लेकिन शराब ठेकेदार अपने रसूख के चलते खुलेआम एमआरपी से कई गुना अधिक रुपए शराब की बोतलों पर वसूल रहा है. इसको लेकर प्रशासन ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से परहेज करता नजर आ रहा है. जबकि किसी भी वस्तु को एमआरपी से अधिक बेचना कानूनन अपराध है. वहीं शहर की शराब की दुकानों के बाहर ही मदिरा प्रेमी बैठकर शराब का सेवन करते हुए नजर आ रहे हैं. कुल मिलाकर अघोषित अहाता शराब ठेकेदार द्वारा संचालित किया जा रहा है.
आबकारी अधिकारी का क्या कहना है?
इस मामले में जब आबकारी अधिकारी मीनाक्षी दीक्षित से चर्चा की तो उनका यह कहना है कि जिले में 95 दुकान संचालित हो रही हैं और आबकारी में इतना स्टाफ नहीं है कि हर दुकानों पर जाकर देखा जा सके. आपने शिकायत की है तो जरूर कार्रवाई की जाएगी.
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