
Madhya Pradesh News : नर्मदापुरम जिले में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (Satpura Tiger Reserve) एरिया में पिछले दिनों पूर्व वन मंत्री विजय शाह (Former Forest Minister Vijay Shah) ने नियमों को ताक पर रख कर जंगलों में पार्टी मनाई. हैरत की बात तो ये है कि जिस रिजर्व एरिया के कोर क्षेत्र में आग तक जलाना प्रतिबंधित है वहां जंगलों के बीच आग जलाकर चिकन-भरता और बाटी बनाई गई. अब इस मामले में वन विभाग (Forest Department Officer) के आला अधिकारी चुप्पी साधे रहे है. नियमों को ताक में रखकर कोर क्षेत्र में पूर्वमंत्री की हुई पिकनिक पार्टी अब चर्चा और चिंता का विषय बन गई है.
निजी वाहन भी ले गए जंगल के अंदर
नर्मदापुरम सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में प्रतिबंध के बावजूद नेशनल पार्क (National Park) के नियमों को ताक पर रख कर पूर्व शिवराज सरकार के वन मंत्री रहे और वर्तमान विधायक विजय शाह (MLA Vijay Shah) की नजर में खुद को अच्छा दिखाने के लिए फॉरेस्ट के ही अफसर और कर्मचारियों ने नियमों को ताक में रख दिया और पार्क के नियमों को तोड़ा.
नर्मदापुरम के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र फॉरेस्ट के ही स्टाफ ने मिलकर पार्टी की व्यवस्था की और आग जलाकर खुद ने ही बनाकर माननीय को खिलाया भी. पचमढ़ी के जंगलों के कोर क्षेत्र के सिद्ध बाबा पहाड़ी पर पार्टी का भोजन बनाने और पूर्वमंत्री की खिदमत में लगे फॉरेस्ट के महिला पुरुष गार्ड के वीडियो भी अब सामने आ रहे हैं. जिसमें वन कर्मी कुर्सियां उठाते, पार्टी का समान लाते नजर आ रहे हैं.
किसने की शिकायत?
पार्क के कोर क्षेत्र में नियमों की धज्जियां उड़ने के मामले की शिकायत वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट (Wild Life Activist) अजय दुबे ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी को (Principal Chief Conservator of Forests Wild Animals) को की है. अजय दुबे की शिकायत में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर (Field Director Satpura Tiger Reserve) एल कृष्णमूर्ति पर नियमों के उल्लंघन में हाथ होने के आरोप लगाएं. शिकायत के बाद एमपी पीसीसीएफ (MP PCCF) ने तुरन्त संज्ञान लेते हुए एसटीआर (STR) फ़ील्ड डायरेक्टर से जवाब तलब कर किया है.
'सतपुड़ा के पहाड़ों में सही पिकनिक तो आज है'
सोशल मीडिया पर 2 वीडियो वायरल हुए हैं. पहले वीडियो में पूर्व मंत्री व भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ विधायक की आवाज सुनाई दे रहीं. सतपुड़ा के जंगलों में पहली बार सबसे ऊंची चोटियों में से एक करीब 4000 फीट की ऊंचाई पर आप देख रहे है. ये सुन्दर नजारा, जंगली रास्तें के बीच हम आपको दिखा रहे है चारों ओर का नजारा, जहां फॉरेस्ट का वाच टॉवर है. वीडियो में एक शख्स भी नजर आ रहा है, जिसे तहशिम भाई बताया जा रहा है. वे शख्स बोल रहे कि अति सुन्दर, खूबसूरत जगह है. आज हमने यहां एक्सपेंसिव लंच किया है. दाल-बाटी शानदार बनी. बहुत ही अच्छा प्रोग्राम, शानदार.
दूसरे वीडियो के शुरुआत में पहाड़ी पर प्रायवेट लग्जरी कारें दिख रहीं. फिर 2-3 वनकर्मी खुले में पत्थर पर बनाए गए कच्चे चूल्हे पर भरता, चिकन बना रहे. कंडे पर बाटी भी सिकती हुई दिख रही है. विधायक पूछ रहे कि क्या क्या बना है. जिसमें मजदूर बोल रहे कि चिकन, भरता बन चुका है. विधायक बोल रहे कि सही पिकनिक तो आज है.
पार्क में लगीं टेबिल कुर्सी
वीडियो में साफ़ तौर पर दिख रहे है कि पचमढ़ी के ऊंची पहाड़ी पर 4-5 कुर्सियां और टेबल रखी हुई हैं, जो केवल एंजॉयमेंट के लिए रखी हुई दिखाई दे रहीं हैं. फॉरेस्ट के महिला-पुरुष गार्ड पूर्व वन मंत्री की खिदमत में लगे नजर आ रहे है.
अजय दुबे ने की ये शिकायत
प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी को लिखे शिकायत पत्र में अजय दुबे ने लिखा कि "मध्यप्रदेश के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में फील्ड डायरेक्टर कृष्णमूर्ति के संरक्षण में वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन लगातार जारी है, जिससे बाघों सहित अन्य दुर्लभ जीवों का शिकार और अन्य घटनाएं रुक नहीं रही. फील्ड डायरेक्टर अक्सर वीआईपी लोगों को नियम कानून तोड़कर सुविधाएं प्रदान करते हैं. जिसकी पूर्व में शिकायतें हुई, लेकिन दुर्भाग्य से उच्च स्तरीय संरक्षण से ठोस कदम नहीं उठाए गए. मुझे स्थानीय सूत्रों ने बताया कि पिछले हफ्ते विधायक और उनके मित्र गण प्रतिबंधित पर्यटन क्षेत्र में बाघ देखने गए और वन विभाग की गाड़ियां बाघ के नजदीक लगाई गईं जो गंभीर लापरवाही है. पूर्व मंत्री वर्तमान विधायक की टीम के स्वागत में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र में अग्नि का उपयोग कर चूल्हे में चिकन, मटन की बनाकर प्रतिबंधित सामग्रियों के साथ पार्टी की गई. जो न केवल वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम और अन्य प्रचलित कानूनों का अपराधिक उल्लंघन था बल्कि उच्च स्तर की लापरवाही भी थी. हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीआईपी कल्चर के लिए नियम कानून तोड़ने के सख्त खिलाफ है, लेकिन सीसीएफ रैंक के पद पर एपीसीसीएफ बनकर बैठे फील्ड डायरेक्टर कृष्णमूर्ति ने निजी हितों के लिए भारतीय संविधान के मूल्यों और कानूनों को दरकिनार किया. उनके द्वारा वीआईपी टूरिज्म करवाने की कई गंभीर जानकारी अक्सर मिलती रहती है जो सतपुड़ा के लिए घातक है. यह भी सच है कि सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघों का शिकार की घटनाएं हुई और अंतरराष्ट्रीय शिकारी सक्रिय रहे हैं इसलिए इस तरह का गैर कानूनी आचरण पर्यटन कठोर दण्ड का पात्र है. कृपया इस शिकायत में वर्णित तथ्यों और प्रमाणों की ईमानदार जांच करवाए और मेरा पक्ष भी सम्मिलित हो.
पीसीसीएफ ने एफडी से मांगा जवाब
कोर क्षेत्र में अग्नि का उपयोग कर खाना बनाने, प्रायवेट गाड़ी ले जाने और टाइगर के करीब तक जिप्सी ले जाने की बिन्दुवार शिकायत प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) को की गई हैं. सूत्रों से पता चला है कि इसके बाद पीसीसीएफ ने मामले का संज्ञान लिया. उन्होंने फील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति से जवाब मांगा है. फील्ड डायरेक्टर का कहना है कि जहां खाना बन रहा था, वहां चौकीदारों की ड्यूटी के लिए कैंप है. मजदूर खाना बनाते रहते हैं. निजी गाड़ी कैसी पहुंची, जिसके जवाब में एफडी कृष्णमूर्ति बाद में जानकारी देने का कहकर बच गए. बरहाल अजय दुबे की शिकायत के बाद मामला गरमा गया है देखना होगा इस मामले में क्या कार्यवाही होती है.
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