
Madhya Pradesh News : विंध्य क्षेत्र के रीवा से सिंगरौली को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग (Rewa-Sidhi-Singrauli National Highway) का कार्य सीधी से सिंगरौली तक आज भी अधूरा पड़ा हुआ है. एक दशक पहले वर्ष 2012-13 में शुरू हुआ ये प्रोजेक्ट पूरा होने में अभी और कितना समय लेगा? इस सवाल का जवाब दे पानी मुश्किल है. अब तो इसको लेकर तरह-तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं. सिंगरौली प्रदेश को सबसे अधिक राजस्व देने वाला जिला है, जिसे ऊर्जाधानी के नाम से जाना जाता है. यहां तक पहुंचने के लिए लोगों को सड़क की समस्या से आज भी जूझना पड़ रहा है. आइए जानते हैं NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट...
100 किलोमीटर की यात्रा में लगते हैं कई घंटे
सीधी से सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) में 100 किलोमीटर का सफर तय करने में कई घंटे लगते हैं. सड़क के एक भाग को किसी तरह से दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन इसका भी काफी कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. दूसरे तरफ की सड़क का कार्य अभी ना के बराबर हुआ है. इस स्थिति में महज 100 किलोमीटर की यात्रा करने के लिए 3 घंटे से अधिक का समय लग रहा है. सीधी से सिंगरौली एवं सिंगरौली से सीधी-रीवा सहित अन्य स्थानों पर जाने वाले लोगों को सड़क की समुचित व्यवस्था न होने के कारण आवागमन में काफी परेशानी हो रही है.

MP News : सीधी-सिंगरौली मार्ग की हालात
सड़क एवं पुल पुलियों का कार्य अधूरा
सड़क की दूरी भले ही महज 100 किलोमीटर है, लेकिन इस मार्ग में गोपद नदी पर एक बड़ी पुल का निर्माण अभी भी अधूरा पड़ा हुआ है. इसके अलावा अन्य छोटी नदियों एवं नाले पर पुल-पुलियों का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. 10 वर्ष पहले शुरू हुए कार्य अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं. इस देरी का कारण यह है कि गैमन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (Gammon India Private Limited Company) के द्वारा कार्य प्रारंभ किया गया लेकिन निर्माण कार्य पूर्ण करने के बजाय कंपनी आधे में ही काम छोड़कर नौ-दो ग्यारह हो गई. इसके बाद दूसरे कंपनी को कार्य का जिम्मा सौंपा गया.
विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा तक गूंज चुका है इस सड़क का मुद्दा
सीधी-सिंगरौली सड़क निर्माण के कछुआ चाल एवं एक दशक से अधिक समय लगने को लेकर विधानसभा में सिहावल के पूर्व विधायक कमलेश्वर पटेल के द्वारा कई बार मुद्दा उठाया जा चुका है. इसके अलावा तत्कालीन लोकसभा सांसद रीती पाठक एवं राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह के द्वारा भी इस सड़क पर सरकार का कई बार ध्यान आकृष्ट कराया जा चुका है. यही नहीं केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari Minister of Road Transport and Highways of India) के द्वारा भी इस मार्ग के निर्माण में देरी पर अफसोस जाहिर किया जा चुका है. लेकिन इन सबके बाद भी हालत में कोई सुधार नहीं है. अभी भी कछुआ चाल से ही सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है.
गैमन इंडिया के बाद टीवीसीएल कंपनी को मिली जिम्मेदारी
गेमन इंडिया सड़क निर्माण कंपनी के कार्य छोड़ देने के बाद टीवीसीएल कंपनी को सड़क निर्माण का जिम्मा मिला है. निविदा प्रक्रिया संपन्न होने के बाद इस कंपनी के द्वारा सीधी छोर से कछुआ गति से कार्य प्रारंभ किया गया है. अभी करीब 30 किलोमीटर दूर बहरी के आसपास आधा अधूरा कार्य हुआ है. कंपनी जिस गति से कार्य कर रही है उसे देखकर ऐसा माना जा रहा है कि अभी कई वर्षों का समय सड़क निर्माण कार्य के पूर्ण होने में लगेगा. इसके अलावा गोपद नदी से लेकर सिंगरौली तक करीब 60 किलोमीटर का कार्य भी आधा अधूरा ही है. जिसमें पहाड़ों की कटिंग के अलावा अन्य कई कार्य बाकी हैं.
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