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This Article is From May 06, 2024

MP में रेत माफियाओं के खिलाफ एक्शन लेने में नाकाम शासन-प्रशासन? कई बड़ी वारदातों के बाद भी नहीं रुका खूनी खेल

MP sand mafia: मध्य प्रदेश में रेत माफियाओं का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. माफिया यहां बड़े धड़ल्ले से एक के बाद एक सरकारी कर्मचारियों की हत्या कर रहे हैं. इन वारदातों के बाद प्रशासन यहां कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर देता है, इसके बाद फिर ये माफिया किसी बड़ी वारदात को अंजाम देते हैं.

MP में रेत माफियाओं के खिलाफ एक्शन लेने में नाकाम शासन-प्रशासन? कई बड़ी वारदातों के बाद भी नहीं रुका खूनी खेल
MP sand mafia crime : (प्रतीकात्मक फोटो)

Sand Mafia Crime in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में रेत माफियाओं का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रदेश भर में रेत माफिया धड़ल्ले से सरकारी कर्मचारियों को निशाना बना रहे हैं. बीते दिनों ASI की हत्या (ASI Murdered) के बाद एक बार फिर शासन और प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं. बता दें कि मध्य प्रदेश में यह पहली बार नहीं हुआ है कि किसी सरकारी कर्मचारी की रेत माफियाओं (Sand Mafia) ने हत्या की हो. इससे पहले भी रेत माफिया ऐसी वारदातों को अंजाम दे चुके हैं. शहडोल में शनिवार को ड्यूटी पर तैनात एएसआई की हत्या इनमें से एक है.

वारदातों के बाद खानापूर्ति में जुटता है प्रशासन

बता दें कि मध्य प्रदेश में बीते कई वर्षों से रेत माफियाओं द्वारा यह खूनी खेल खेला जा रहा है. वारदात के बाद कुछ दिनों तक शासन और प्रशासन इन माफियाओं के खिलाफ छोटी-बड़ी कार्रवाई भी की जाती है. इसके साथ ही नेतागण तमाम तरह के दावे और बयानबाजी करते हैं, लेकिन इसके बाद फिर रेत माफिया एक्टिव हो जाते हैं और बड़ी वारतादों को अंजाम देते हैं. शासन और प्रशासन के के इस रवैये के बाद अब कई तरह के सवाल उठने लगे हैं.

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MP के इन इलाकों में है रेत माफियाओं का आतंक

मध्य प्रदेश प्रदेश के कई इलाके रेत माफियाओं के आतंक से प्रभावित हैं. इन इलाकों में सोन नदी से सटे शहडोल, रीवा, सीधी और सिंगरौली शामिल हैं. वहीं नर्मदा नदी के तट पर बसे जबलपुर, बैतूल, होशंगाबाद, खरगोन, खंडवा समेत कई जिलों में अवैध रेत उत्खनन का काम धड़ल्ले से चल रहा है. इन इलाकों के अलावा मध्य प्रदेश का उत्तरी क्षेत्र (ग्वालियर-चंबल क्षेत्र) भी अवैध रेत उत्खनन से प्रभावित है. यहां चंबल नदी से भारी मात्रा में रेत का अवैध परिवहन किया जाता है.

प्रशासन से सांठ-गांठ के लगते हैं आरोप

इन जिलों में खुलेआम-धड़ल्ले से चल रहे अवैध रेत परिवहन को रोकने में नाकाम प्रशासन पर कई तरह के गंभीर आरोप लगते रहे हैं. खुले तौर पर चल रहे इस अवैध व्यापार में प्रशासन की सांठगांठ के आरोप भी लगे हैं. इन सब के बीच सवाल यह उठते हैं कि आखिर प्रशासन की शह के बिना इन इलाकों में कैसे अवैध रेत उत्खनन को अंजाम दिया जा सकता है?

विधानसभा चुनाव से पहले पटवारी की हुई थी हत्या

मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में रेत माफियाओं ने ट्रैक्‍टर से कुचलकर एएसआई की हत्‍या कर दी. इससे पहले हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव से पहले भी रेत माफियाओं ने शहडोल में ही पटवारी की भी हत्या की थी. यह वारदात पांच महीने पहले 26 नवंबर 2023 की रात को अंजाम दी गई थी. इस दौरान रेत माफिया ने एक पटवारी को ट्रैक्टर से कुचल दिया था. यह पटवारी भी ब्यौहारी में ही पदस्थ थे. तत्कालीन कलेक्टर के आदेश पर पटवारी प्रशांत सिंह अवैध खनन और रेत परिवहन के खिलाफ कार्रवाई कर रहे थे. वे रात करीब 11 बजे सोन नदी के किनारे स्थित गोपालपुर गांव में कार्रवाई के लिए गए हुए थे.

ग्वालियर में ट्रेनी IPS का मोबाइल किया ट्रैक

हाल ही में, पिछले महीने ग्वालियर में रेत और पत्थर माफियाओं ने ट्रेनी आईपीएस अफसर का मोबाइल ट्रैक किया था. माफियाओं की इस हरकत से पुलिस महकमे में खलबली मच गई थी. दरअसल, ग्वालियर में पदस्थ ट्रेनी आईपीएस लगातार खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही थीं. जिसके बाद इन खनन माफियाओं ने उनका मोबाइल ट्रैक किया और अफसर की लगातार लोकेशन का पता लगाया जा रहा था.

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