MP High Court on Nursing College: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लगभग चार महीने बाद भी नर्सिंग कॉलेजों में घोटाले (Nursing College Scam) से जुड़ा मामला सुर्खियों में बना हुआ है. अब ग्वालियर (Gwalior) चंबल के करीब 50 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता का मामला उलझ गया है. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन कॉलेजों की CBI जांच नहीं हुई हैं, उन्हें कोई राहत नहीं दी जा सकती. हालांकि, याचिकाकर्ता कॉलेजों को सुप्रीम कोर्ट से क्लेरिफिकेशन लाने के लिए स्वतंत्र किया है.
इन कॉलेजों पर हाईकोर्ट कर रही खास विचार
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि वे उन्हीं कॉलेजों के मामले में विचार कर रहे हैं, जो सीबीआई जांच से होकर गुजरे हैं. वह ऐसा कोई निर्देश देने के पक्ष में नहीं है, जिससे बिना सीबीआई जांच के कॉलेजों को मान्यता मिल सके. कॉलेजों ने कोर्ट में बताया कि उनकी जांच निरीक्षण डीएमई द्वारा बनाई गई कमेटी द्वारा की जा चुकी है. लेकिन कोर्ट ने डीएमई की कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकार करने से इंकार कर दिया.
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याचिकाकर्ताओं ने किया प्रस्ताव को अस्वीकार
अदालत ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं से प्रस्ताव दिया था कि अगर वे अपने कॉलेजों का सीबीआई निरीक्षण करवाने को तैयार हैं, तो सीबीआई की रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय निर्णय ले सकता है. हालांकि, याचिकाकर्ताओं ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, जिसके बाद कोर्ट ने मामले को खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को सर्वोच्च न्यायालय का रुख करने की स्वतंत्रता दी है, ताकि वहां लंबित प्रकरण (जिसमें ग्वालियर चंबल के कॉलेजों की सीबीआई जांच पर अंतरिम रोक है) में आवेदन दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से इस सत्र की मान्यता के संबंध में क्लेरिफिकेशन प्राप्त किया जा सके.
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