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MP High Court ने मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदला, बहन से रेप और मर्डर के मामले में हुई ये सुनवाई

MP High Court: 2019 में सागर जिले के बंडा में 11 साल की बच्ची से रेप और हत्या का मामला सामने आया था. आरोपी बच्ची का भाई निकला. उसके बाद जिला कोर्ट ने फांसी की सजा सुनायी थी. लेकिन अब हाई कोर्ट ने जिला सेशन कोर्ट का फैसला पलट दिया है. आइए जानते हैं HC ने इस मामले की सुनवाई में क्या कहा?

MP High Court ने मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदला, बहन से रेप और मर्डर के मामले में हुई ये सुनवाई

Madhya Pradesh High Court: सागर (Sagar) जिले के बंडा क्षेत्र में बहन के साथ दुष्कर्म (Rape) के बाद उसकी जघन्य हत्या (Murder) के मामले में हाई कोर्ट (MP High Court) ने सत्र न्यायालय के फैसले को पलट दिया है. इस मामले में आरोपित राम प्रसाद अहिरवार को पहले मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी, जिसे अब हाई कोर्ट ने आजीवन कारावास में बदल दिया है. वहीं, इस मामले में शामिल एक अन्य आरोपी बंशीलाल अहिरवार को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया गया है. कोर्ट ने कहा कि यह मामला उन दुर्लभतम श्रेणियों में नहीं आता, जहां मृत्युदंड ही एकमात्र सजा हो. न्यायालय ने यह भी माना कि आरोपी राम प्रसाद ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया था और वह एक वंचित समाजिक पृष्ठभूमि से आता है. कोर्ट ने यह तर्क दिया कि आरोपी को सुधार का मौका देना आवश्यक है, जिससे वह इस जीवन में ही एक बेहतर नागरिक बन सके.

क्या रहा फैसले का आधार?

न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल और न्यायमूर्ति देव नारायण मिश्रा की युगलपीठ (डबल बेंच) ने इस मामले में आरोपी राम प्रसाद के पश्चाताप और उसकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया. कोर्ट ने यह भी कहा कि सजा का निर्णय करते समय संतुलन बनाए रखना जरूरी है, खासकर जब आरोपी युवा हो और उसने अपराध स्वीकार कर लिया हो.

न्यायालय ने मामले की गहराई से समीक्षा की और आरोपी की सामाजिक-आर्थिक स्थिति और पश्चाताप को ध्यान में रखते हुए उसे सुधारने का मौका दिया.

वकीलों की दलील क्या रही?

आरोपी राम प्रसाद की ओर से वरिष्ठ वकील मनीष दत्त और दिलीप सिंह परिहार ने दलील दी कि सत्र न्यायालय ने मामले को ‘दुर्लभतम' श्रेणी में रखते हुए मृत्युदंड का कठोर फैसला सुनाया, जबकि यह आरोपी का पहला अपराध था. इसके साथ ही, अभियोजन पक्ष मृतिका की सही उम्र सिद्ध करने में विफल रहा. वकीलों ने यह भी कहा कि आरोपी अनुसूचित जाति से संबंधित है और उसका सामाजिक-आर्थिक पिछड़ापन और सीमित शिक्षा को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए था.

क्या था मामला?

यह मामला 13 मार्च 2019 का है, जब नाबालिग लड़की परीक्षा देने के लिए घर से निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. अगले दिन, 14 मार्च 2019 को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई. एक युवक ने पुलिस को बताया कि उसने रामभगत के खेत में एक लड़की का सिर कटा शव देखा है. इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की और आरोपियों को गिरफ्तार किया.

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