Vishwas Sarang vs Jitu Patwari: मध्यप्रदेश में किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग के एक बयान ने सूबे की सियासत में हलचल पैदा कर दी है, जिसके बाद कांग्रेस और भाजपा के दिग्गज आमने-सामने आ गए हैं. धार में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान विश्वास सारंग ने कमलनाथ सरकार की कर्ज माफी योजना को 'फर्जी' करार दिया, जिस पर अब कांग्रेस ने तीखा पलटवार किया है.
"कमलनाथ सरकार ने कोऑपरेटिव बैंकों की स्थिति खराब की"
धार में एक सार्वजनिक आयोजन को संबोधित करते हुए मोहन सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कोऑपरेटिव बैंकों की खस्ताहाली के लिए सीधे तौर पर पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि 15 महीने की कांग्रेस सरकार ने किसानों की कर्ज माफी की जो योजना लागू की थी, वह पूरी तरह फर्जी थी. सारंग ने आरोप लगाया कि इस योजना की वजह से कोऑपरेटिव बैंकों की आर्थिक व्यवस्था पर सीधा और नकारात्मक प्रभाव पड़ा, जिसके कारण आज ये बैंक मुश्किल स्थिति से गुजर रहे हैं. उन्होंने साफ किया कि बैंकों की यह स्थिति राजनीति का हिस्सा नहीं बल्कि गलत नीतियों का परिणाम है.
जीतू पटवारी का तीखा हमला और आंकड़ों की बाजीगरी
मंत्री सारंग के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया के जरिए भाजपा सरकार को घेरा. पटवारी ने तंज कसते हुए कहा कि नर्सिंग घोटाले से चर्चा में आए मंत्री और भाजपा सरकार को झूठ बोलने की आदत हो गई है. उन्होंने भाजपा के ही पूर्व कृषि मंत्री के सदन में दिए गए लिखित जवाब का हवाला देते हुए याद दिलाया कि कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के 51 जिलों के 26 लाख किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया था. पटवारी ने मंत्री से अपने बयान के लिए किसानों से माफी मांगने की मांग भी की.
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की चेतावनी
इस विवाद में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने मंत्री विश्वास सारंग को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब खुद शिवराज सिंह चौहान ने सदन में माना था कि कांग्रेस सरकार ने कर्ज माफी की है, तो उनके मंत्री इसे फर्जी कैसे कह सकते हैं. सिंघार ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार को बैंकों की चिंता है लेकिन अन्नदाता की नहीं. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि भाजपा किसानों के विरोध में बयानबाजी कर रही है और इसका परिणाम उन्हें 2028 के चुनाव में भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अगर किसान को आंसू आएंगे, तो सरकार भी रोएगी.
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