
Madhya Pradesh Assembly Election 2023: चुनाव की तारीख के ऐलान के साथ ही कांग्रेस (Congress Party) मध्य प्रदेश (Madhya Pradesah) में और आक्रामक होती जा रही है. कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान भयावह बेरोजगारी, छात्रों की आत्महत्याओं और भर्ती परीक्षा घोटालों का शर्मनाक मंजर देखा है. पार्टी नेता शोभा ओझा (Sobha Ojha) ने यह दावा किया कि मुख्यमंत्री चौहान या तो ‘नाकारा' हैं या फिर ‘भ्रष्ट' हैं.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पिछले लगभग दो दशक के शिवराज युग में मध्य प्रदेश ने भयावह बेरोजगारी, छात्र आत्महत्याओं और भर्ती परीक्षा घोटालों का शर्मनाक मंजर देखा है. व्यापमं घोटाले से पूरी दुनिया में बदनाम हुए मध्य प्रदेश में एक बार फिर शिक्षक, नर्सिंग और पटवारी भर्ती घोटाले के कलंकित अध्याय लिखे गए. उन्होंने दावा किया कि अगर मध्य प्रदेश में छात्रों व बेरोजगारों के भविष्य और जिंदगियों से बार-बार खिलवाड़ हो रहा है, तो साफ है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री या तो नाकारा हैं या पूरी तरह से भ्रष्ट हैं.
'प्रदेश में माफियाओं का राज'
महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ओझा ने कहा कि जिस तरह मध्य प्रदेश में भू माफिया, रेत माफिया, पोषण आहार माफ़िया और शराब माफिया सरकारी संरक्षण में पुष्पित और पल्लवित होते रहे और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही. उसी तरह यहां के शिक्षा माफिया को भी सरकार पूरी तरह से प्रोत्साहित और संरक्षित करती रही, जिसकी वजह से व्यापमं, शिक्षक, पुलिस, नर्सिंग और पटवारी भर्ती जैसे कई घोटाले सामने आए. उन्होंने आरोप लगाया कि घोटालों के कारण प्रदेश के लाखों युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है.
17000 से ज्यादा छात्रों और बेरोजगारों ने की खुदकुशी
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'युवाओं के भविष्य को किया बर्बाद'
ओझा ने राज्य में कई कथित घोटालों का उल्लेख करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में लगभग 2 करोड़ से अधिक युवा आबादी है, लेकिन भाजपा सरकार ने शिक्षा और कौशल के स्तर को इतना नीचे पहुंचा दिया है कि यहां का युवा या तो शिक्षा प्राप्ति और रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में पलायन को मजबूर है या यहीं रह कर बेरोजगारी के लिए अभिशप्त है.
उन्होंने दावा किया कि प्रदेश सरकार बहाने बनाकर चयनित पटवारियों की नियुक्ति रोक रही है, एमपी टीईटी वर्ग- 3 में 51000 पदों की वृद्धि की युवाओं की मांग को अनसुना कर रही है. चयनित सब इंजीनियर की नियुक्ति नहीं कर रही है. एमबीबीएस, सीएमएस, ओबीसी को पूरी छात्रवृत्ति नहीं दे रही है और समयबद्ध भर्ती प्रक्रिया, तो प्रदेश के युवाओं के लिए एक सपना ही बनकर रह गई है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीट के लिए 17 नवंबर को मतदान होगा.
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