Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में चुनाव की तारीख के ऐलान के साथ ही राज्य में चुनाव प्रचार अपने चरण पर है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी जनमत को अपने पक्ष में करने के लिए जुटी हुई है. भाजपा (BJP) अपनी सत्ता बचाने के लिए संघर्ष कर रही है. वहीं, कांग्रेस (Congress) अपनी खोई हुई सत्ता को फिर से पाने के लिए कोई कसर छोड़ने के मूड में नजर नहीं आ रही है. दोनों ही पार्टियां राज्य में अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही है. लेकिन, जमीनी हालात को देखते हुए लगातार भाजपा के विधायक पाला बदल कर कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं. इसी कड़ी में शनिवार को सुसनेर विधायक राणा विक्रम सिंह (Rana Vikram Singh) के भाई राणा चितरंजन सिंह ( (Rana Chittaranjan Singh)ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के सामने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है.
इन नेताओं ने भी भाजपा को दिया झटका
दरअसल, भाजपा नेता लगातार पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं. इससे पहले भारतीय जनता पार्टी विधायक नारायण त्रिपाठी ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, अभी वह किसी पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं. इससे पहले शिवपुरी की कोलारास विधानसभा से बीजेपी विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने भाजपा से अलग होकर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे. ऐसा लगता कि मानों भाजपा में नेताओं के छोड़ने की झरी लगी हुई है. पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व उपाध्यक्ष अवधेश नायक ने भी भगवा पार्टी का साथ छोड़ कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है. इसके अलावा आदिवासी नेता और पूर्व सांसद माखन सिंह ने भी भाजपा छोड़कर कांग्रेस की शरण में आ गए हैं. इससे पहले धार जिले के बदनावर से पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत भी पार्टी छोड़ चुके हैं. वहीं, बालाघाट के पूर्व सांसद बोध सिंह भगत ने भी भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है.
जनसंघ के जमाने के नेता ने भी छोड़ा भाजपा का साथ
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भाजपा नेताओं के रिश्तेदारों ने भी थामा कांग्रेस का हाथ
भाजपा के बड़े नेता ही नहीं, दिग्गज नेताओं के रिश्तेदार भी पार्टी का दामन छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम रहे हैं. पूर्व गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता के भांजे डॉ. आशीष अग्रवाल ऊर्फ गोलू ने भाजपा से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. इसके अलावा, पूर्व विधायक राव देशराज सिंह के बेटे यादवेंद्र सिंह यादव भी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. भाजपा विधायक प्रदीप लारिया के चचेरे भाई हेमंत लारिया ने भी पार्टी ने इस्तीफा देकर कांग्रेस की सदस्यता ले ली है. वहीं, सतना की रैगांव विधानसभा सीट से 5 बार विधायक रह चुके पूर्व मंत्री स्व. जुगल किशोर बागरी के पुत्र देवराज बागरी ने भी शिवराज का साथ छोड़कर कमलनाथ के सरण में चले गए हैं. इसके साथ ही पूर्व मंत्री स्व. जुगल किशोर बागरी की छोटी बहू
वंदना बागरी ने भी कांग्रेस का हाथ थाम लिया है.
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