हरदा में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से 11 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, इस हादसे में झुलसे 217 लोग घायल हो गए थे. बीते दिन हरदा ज़िले में हुए एक के बाद एक धमाकों की आवाज से पूरा शहर दहल उठा था. तबाही के चश्मदीदों की मानें तो हादसे को देखने वालों की रूह कांप गई. हरदा में हुए दर्दनाक हादसे के बाद मध्य प्रदेश के तमाम ज़िलों की प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गई है. पुलिस प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से एक्शन लेते हुए जगह-जगह के पटाखा व्यापारियों के ठिकानों पर दबिश दी है. पुलिस ने इस छापेमारी के दौरान अवैध रूप से बम और पटाखे चलाने वाली फैक्ट्रियों पर शिकंजा कसा है.
पुलिस के मुताबिक, बीते दिन हरदा में जो हादसा हुआ... उसमें अवैध फैक्ट्री के मालिकों की लापरवाही के चलते सैकड़ों लोगों की जान दांव पर लग गई... जबकि 11 मासूम मौत के मुंह में समा गए. इस तरह से कानून का माखौल उड़ाने वालों को किसी भी सूरत में नहीं बक्शा जाएगा. इसी कड़ी में MP के तमाम ज़िलों में सभी पटाखा व्यापारियों के ठिकानों पर जांच की जा रही है. साथ ही किसी भी तरह की लापरवाही या गड़बड़ी मिलने पर फैक्ट्रियों और गोदामों को सील करने के साथ-साथ दोषियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है.
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— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) February 7, 2024
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राजधानी भोपाल में पटाखों के गोदाम पर दबिश जारी
राजधानी भोपाल से लगभग 150 किलोमीटर दूर हरदा में पटाखा कारखाने में विस्फोट और भयानक आग लगने की घटना में 11 लोगों की मौत हो गई. हादसे को लेकर भोपाल जिला प्रशासन ने पटाखा करोबारियों को निशाने पर लेते हुए अवैध गोदामों पर छापेमारी शुरू की है. रिहायशी इलाकों में गोदामों व दुकानों की जांच की जा रही है. अगर पटाखा फैक्ट्रियों में किसी तरह की कोई गड़बड़ी या लापरवाही देखने को मिलती हैं तो उन्हें सील किया जा रहा है.अभी तक जमुनिया छीर में एक पटाखा गोदाम को सील करने के साथ-साथ हलालपुरा के सोनी और कालू पटाखा सेंटर को भी बंद किया गया है. इसके अलावा भोपाल में किन-किन जगहों पर कार्रवाई की गई है...इसकी जानकारी रात 8 बजे तक आएगी.
इंदौर में छह पटाखा गोदाम सील, कई गड़बड़ियां मिलीं
हरदा ब्लास्ट के बाद इंदौर जिला प्रशासन ने हरकत में आते हुए छह गोदामों को सील कर दिया है. इन गोदामों को जिला प्रशासन ने अलग-अलग गड़बड़ियों के चलते बंद किया है. मामले को लेकर जिलाधिकारी आशीष सिंह ने पत्रकारों को बताया, ‘‘हमने पिछले 24 घंटे के दौरान जिले के अलग-अलग इलाकों में पटाखों के 6 गोदाम सील कर दिए हैं.'' उन्होंने बताया कि इनमें से एक पटाखा गोदाम रिहायशी इलाके में था. जबकि बाकी गोदामों में क्षमता से ज़्यादा पटाखे पाए गए. साथ ही वहां पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम भी नहीं थे. इसी कड़ी में पुलिस ने कार्रवाई लेते हुए 6 गोदामों को सील कर दिया. आशीष सिंह ने कहा कि शहर के सभी पटाखा व्यापारियों के ठिकानों पर जांच की जाएगी. प्रशासन के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.
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टीकमगढ़ में छापेमारी के बाद विस्फोटक सामग्री हुई जब्त
हरदा ब्लास्ट के बाद शासन के आदेश पर टीकमगढ़ ज़िला प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. टीकमगढ़ जिला प्रशासन ने मंगलवार देर रात तक अवैध पटाखा गोदामों पर छापेमारी की. इस कार्रवाई के तहत प्रशासन ने अवैध विस्फोटक सामग्री और पटाखे जब्त किए. प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद पटाखा कारोबारियों में हड़कंप मच गया है. बता दें कि टीकमगढ़ जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार देर रात करीब 11 बजे शहर के अंदर तीन स्थानों पर छापा मारा. जिसमें प्रशासन ने मंगल भवन के पास संजय जैन की पटाखा दुकान और गोदाम से 1600 क्विंटल पटाखे और दूसरी जगह से 1400 क्विंटल पटाखे और विस्फोटक सामग्री जब्त की. जब्त किए गए पटाखों की कीमत करीब 15 से 20 लाख रुपये बताई जा रही है. इसके अलावा जिले में अन्य जगहों पर भी यह कार्रवाई की गई.
झाबुआ ज़िले में बड़ी मात्रा में आतिशबाजी-पटाखे बरामद
हरदा में मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद देशभर में चर्चा हो रही है. राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है. घटना को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, PM मोदी समेत CM यादव ने अपनी संवेदनाएं जाहिर की. हादसे के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने प्रशासन को छानबीन दायरा बढ़ाते हुए कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए थे. इसी कड़ी में झाबुआ ज़िला प्रशासन भी एक्शन में आ गया है. हरदा हादसे के बाद झाबुआ प्रशासन ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए अवैध पटाखा फैक्ट्रियों से गोदामों पर छापेमारी की. इस दौरान रिहायशी इलाकों में पटाखों का व्यवसाय करने वाले अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दी गई. इस कार्रवाई के तहत ज़िला पुलिस ने अनिल कटकानी के यहां से पटाखे और अन्य विफोटक समाग्री बरामद की है.
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हरदा हादसे के बाद भिंड ज़िले में जागे पुलिस अधिकारी
मध्य प्रदेश के हरदा में मंगलवार बैरागढ़ की पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में 11 लोगों की मौत हो गई... जबकि 217 लोगों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. हादसे का मंज़र इतना खौफनाक था कि देखने वालों की रूह कांप गई. हादसे के बाद तमाम ज़िलों के प्रशासनिक अधिकारी सतर्क हो गए हैं. ऐसे में भिंड ज़िला पुलिस ने जगह-जगह जाकर अवैध रूप से पटाखा और बम फैक्ट्रियों पर छापेमारी की. भिंड में तीन पटाखा व्यापारियों के ठिकानों पर दबिश दी. इस कार्रवाई में मौके पर एक भी विस्फोटक समाग्री नहीं बरामद हुई लेकिन फिर भी SDM और TI तलाशी में जुटे हुए हैं. बताते चलें कि भिंड ज़िले में कुल दो व्यापारियों के पास पटाखा और बम बनाने का लाइसेंस है.
ग्वालियर में पटाखा कारोबारियों पर कार्रवाई जारी
मंगलवार को मध्यप्रदेश के हरदा में जिसने भी वो भयावह मंज़र देखा, रुका, मोबाइल में तस्वीरें लेने की कोशिश की वो सहम उठा. घटना से जुड़े कई सारे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. खौफनाक तबाही के चलते हर तरफ चीख-चित्कार मच गई. हादसे को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभी ज़िला प्रशासन को छानबीन के निर्देश दिए थे. इसी कड़ी में ग्वालियर पुलिस ने भी अभियान शुरू किया है. ज़िले में अवैध रूप से पटाखे, बम व विस्फोटक समाग्री रखने वालों के खिलाफ छापेमार करवाई जारी है. पुलिस ने गिरवाई इलाके में पटाखा फैक्ट्री पर दबिश दी. साथ ही अवैध पटाखा गोदामों और दुकानों की पड़ताल की जा रही है.
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जब धमाके से कांप उठा हरदा! सड़कों पर बिखरीं मिली लाशें
ताजा जानकारी के मुताबिक, इस हादसे में कुल 11 लोगों के मारे जाने की खबर है. मरने वालों में 5 पुरुष व 4 महिलाएं शामिल हैं जबकि बाकी अज्ञात बताए जा रहे हैं. वहीं, 217 से ज़्यादा लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं. मंगलवार को हुए धमाके इतने तेज थे कि शहर में दूर-दूर तक मकानों और दुकानों में लगे कांच टूट गए. एक के बाद के हुए धमाकों से करीब 40 किलोमीटर दूर तक धरती कांप उठी. एक पल तो एहसास हुआ जैसे हरदा (Harda) में भूकंप आ गया है.
लाशों का अंबार देख.... याद आया 1984 का भोपाल गैस कांड
घटना से जुड़े कई सारे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. खौफनाक तबाही के चलते हर तरफ चीख-चित्कार मची हुई है. जहां एक तरफ लोग अपनी जान बचाने के लिए तितर-बितर हो रहे हैं. तो वहीं, सड़कों पर लाशों का अंबार लगा हुआ है....हर तरफ क्षत-विक्षत हालत में शव बिखरें हुए हैं. तबाही के चश्मदीदों के मानें तो हादसे को देखने वालों की रूह कांप गई. हरदा में हुए इस भीषण ब्लास्ट से भोपाल गैस त्रासदी के ज़ख्म भी ताज़ा हो उठे. 2 दिसंबर 1984 की सर्द रात को हुए भोपाल गैस त्रासदी में भी कुछ ऐसा ही डरावना दृश्य देखने को मिला था. जब कार्बाइड फैक्ट्री से निकली जहरीली गैस से हजारों लोग मौत के मुंह में समा गए थे.
....NDTV मध्य प्रदेश से समीर खान (इंदौर), सूर्यप्रकाश गोस्वामी (टीकमगढ़), सचिन जोशी (झाबुआ), दिलीप सोनी (भिंड), और देव श्रीमाली (ग्वालियर) की रिपोर्ट
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