MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुरैना (Morena) जिले में अचानक सड़क पर अफरा तफरी मच गई. यहां मॉक ड्रिल (Mock Drill) के दौरान एक व्यक्ति की मौत के बाद शव रखकर प्रदर्शनकारियों ने जमकर हंगामा किया. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुये नारेबाजी की. पुलिस प्रदर्शनकारियों की मांग को लेकर निर्णय ले पाती इससे पूर्व ही अचानक पथराव शुरू हो गया. पुलिस द्वारा कई बार समझाइश देने के बाद भी प्रदर्शनकारी पीछे नहीं हटे. उग्र प्रदर्शन होते ही पुलिस बल ने हल्का लाठीचार्ज किया. प्रदर्शनकारियों के भारी पड़ते ही लोगों पर अंकुश लगाने के लिये पुलिस ने तीन राउंड हवाई फायर कर आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे प्रदर्शनकारी भागते हुये तितर-बितर हो गये. बाद में लोगों को पता चला कि यह असल में होने वाला कोई दंगा नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिये और बदमाशों पर अंकुश लगाने का अभ्यास किया जा रहा है.
मॉक ड्रिल में हुए पुलिस वाले घायल
इस मॉक ड्रिल में दो पुलिसकर्मी घायल हो गये. इन्हें प्राथमिक चिकित्सा के बाद इलाज के लिए बाहर भेजा गया. पुलिस ने मृत व्यक्ति के शव को अपने हैंड में लेकर पोस्टमार्टम के लिये एम्बुलेंस में रखवाया. प्रदर्शनकारियों की उग्रता देखते हुये इन पर काबू पाने के लिये पुलिस ने चार दल अश्रुगैस, कैन पार्टी, रायफल और रिर्जव दल बनाकर कार्रवाई की. पुलिस के खिलाफ व्यक्त किये जा रहे आक्रोश के बाद हुई घटनाओं को देखकर सैकड़ों लोग वहां जमा हो गए.
त्योहारों को लेकर की गई मॉक ड्रिल
आने वाले महीने में त्यौहारों को लेकर सुरक्षा, शांति और कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये पुलिस अपनी तैयारियों में जुट गई है. सुबह पुलिस परेड ग्राउंड पर बलवा परेड का आयोजन किया गया. जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों सहित लगभग 150 से अधिक पुलिस बल शामिल हुये. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद ठाकुर द्वारा विषम परिस्थितियों में अपनी स्थिति से निपटने के लिये पुलिस बल को कैसे तैयार करना चाहिए इस संबंध में अवगत कराया. वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बलवाइयों पर काबू पाने के लिये की गई मॉक ड्रिल के दौरान पुलिस दल को उग्र प्रदर्शन और बलवा होने पर किस तरह आंसू गैस के गोले चलाने चाहिए. उग्र भीड़ को काबू में करने के लिये कौन सी गतिविधि करना चाहिए, अवगत कराया गया.
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अतिरिक्त पुलिस ने दी जानकारी
जिला के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद ठाकुर ने बताया कि आगामी एक माह तक होने वाले त्योहारों को देखते हुए किसी भी तरह के प्रदर्शन पर काबू पाने के लिये पुलिस की यह रूटीन प्रक्रिया है. लगभग दो घंटे तक यह प्रशिक्षण किया गया. जिसमें पुलिस ही दो गुटों में विभाजित होकर प्रशिक्षण पूर्ण कर रही. किसी भी परिस्थिति में पुलिस को बलवाईयों से निपटने के लिये यह अभ्यास कराया गया है. जिसमें पुरुष, महिला अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुये. यह अभ्यास निरंतर होने वाली प्रक्रिया है.
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