
Saumya Chaurasia News: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला लेवी घोटाले से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बुधवार को अहम फैसला सुनाया. कोर्ट ने पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया, व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी और उनके परिवार सहित अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिकाएं खारिज कर दी. यह फैसला छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस विभू दत्त गुरु के डबल बेंच ने सुनाया.
जुलाई 2025 में दाखिल इन याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं ने ईडी की ओर से की गई 49.73 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियों की अस्थायी कुर्की को चुनौती दी थी. ईडी ने पीएमएलए, 2002 के तहत यह कार्रवाई 30 जनवरी 2025 को की थी. अटैच की गई संपत्तियों में नकदी, बैंक बैलेंस, वाहन, आभूषण और जमीनें शामिल हैं. ये संपत्तियां सूर्यकांत तिवारी, उनके भाई रजनीकांत तिवारी, कैलाशा तिवारी, दिव्या तिवारी, सौम्या चौरसिया, उनके भाई अनुराग चौरसिया, मां शांति देवी और पूर्व आईएएस समीर विश्नोई सहित अन्य से जुड़ी हैं.
कोर्ट में पक्ष ने रखी अपनी दलीलें
कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हर्ष वर्धन परगनिहा, निखिल वार्ष्णेय, शशांक मिश्रा और अभ्युदय त्रिपाठी ने पैरवी की, जबकि ईडी की ओर से डॉ. सौरभ कुमार पांडे ने पक्ष रखा. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने सभी दस याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे बुधवार को सुना दिया गया.
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फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि ईडी की ओर से की गई कुर्की कार्रवाई में कोई कानूनी त्रुटि नहीं है और उसे कानूनन चुनौती देने का आधार नहीं बनता. इस फैसले से ईडी की जांच और कार्रवाई को न्यायिक समर्थन मिल गया है और अवैध संपत्तियों के खिलाफ एजेंसी की कार्रवाई को मजबूती मिली है.
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