गुना ग्वालियर रेल खंड पर स्थित मियाना रेलवे स्टेशन ने ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में मिसाल कायम की है. वर्ष 2025 का राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार जीतकर यह स्टेशन देशभर के रेलवे स्टेशनों के लिए उदाहरण बन गया है. रविवार को आयोजित राष्ट्रीय समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पश्चिम मध्य रेलवे की महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार सौंपा.
10 हजार यूनिट बिजली की बचत
पश्चिम मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाला मियाना एक छोटा स्टेशन है. इसके बावजूद यहां अपनाए गए नवाचारों ने इसे सैकड़ों बड़े स्टेशनों से अलग पहचान दिलाई. स्टेशन पर स्मार्ट लाइटिंग सर्किट, पूर्ण एलईडी लाइटिंग और नियमित ऊर्जा ऑडिट की व्यवस्था लागू की गई. इन प्रयासों से एक वर्ष में करीब 10 हजार यूनिट बिजली की बचत की गई. स्टेशन परिसर, सेवा भवनों और आवासीय क्वार्टरों में पारंपरिक ट्यूब लाइटों को हटाकर पूरी तरह ऊर्जा कुशल एलईडी लाइट्स लगाई गईं. वहीं पुराने पंखों की जगह डीएलसी पंखे लगाए गए, जिनमें ब्रश रहित डीसी मोटर का उपयोग होता है. ये पंखे केवल 25 से 30 वॉट बिजली की खपत करते हैं और पारंपरिक पंखों की तुलना में 50 से 60 प्रतिशत तक ऊर्जा बचाते हैं.
कर्मचारियों और अधिकारियों को जागरूक किया
ऊर्जा खपत की नियमित निगरानी और ऑडिट के जरिए उन क्षेत्रों की पहचान की गई, जहां और अधिक बचत संभव थी. साथ ही स्टेशन के कर्मचारियों और अधिकारियों को ऊर्जा संरक्षण के महत्व को लेकर जागरूक किया गया, ताकि दैनिक कार्यों में भी बिजली की अनावश्यक खपत रोकी जा सके. इस सामूहिक प्रयास का नतीजा राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान के रूप में सामने आया है.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्टेशन स्टाफ को बधाई दी
मियाना स्टेशन की इस उपलब्धि पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रसन्नता जताते हुए रेलवे प्रशासन और स्टेशन स्टाफ को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार साबित करता है कि संसाधन सीमित होने के बावजूद सही सोच और तकनीक के उपयोग से बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि म्याना स्टेशन का मॉडल प्रदेश और देश के अन्य रेलवे स्टेशनों के लिए प्रेरणा बनेगा. आने वाले समय में ऊर्जा संरक्षण की दिशा में ऐसे प्रयास न सिर्फ बिजली बचाएंगे बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.