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सतना में मंत्री के सामने प्रशासन और पीड़ित में तनातनी, कलेक्टर बोले- घर नापो इसका

मध्य प्रदेश के सतना जिले के नारायण तालाब का बांध टूटने के मामले में प्रशासन और पीड़ित एक-दूसरे पर ही आरोप लगा रहे हैं. आलम ये है कि प्रदेश की राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी मौके का जायजा लेने पहुंचीं तो उनके सामने पीड़ित और प्रशासन के कर्मचारी और अधिकारियों में तनातनी हो गई. पीड़ित के बयान से गुस्साए कलेक्टर अनुराग वर्मा ने तो यहां तक कह दिया- इसका घर नापो.

सतना में मंत्री के सामने प्रशासन और पीड़ित में तनातनी, कलेक्टर बोले- घर नापो इसका

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना जिले के नारायण तालाब (Narayan Pond ) का बांध टूटने के मामले में प्रशासन और पीड़ित एक-दूसरे पर ही आरोप लगा रहे हैं. आलम ये है कि जब प्रदेश की राज्यमंत्री  प्रतिमा बागरी (Pratima Bagri) मौके का जायजा लेने पहुंचीं तो उनके सामने ही पीड़ित और प्रशासन के कर्मचारी और अधिकारियों में तनातनी हो गई. पीड़ित के बयान से गुस्साए कलेक्टर अनुराग वर्मा (Anurag Verma) ने तो यहां तक कह दिया- इसका घर नापो. इस बीच मंत्री के निर्देश पर प्रभावित घरों का सर्वे शुरू हो गया है. अब ये कहा जा रहा है कि तालाब का बांध या मेड़ टूटने के कारणों की तलाश  गुरुवार से होगी. 
दरअसल हुआ ये कि बुधवार को मौके पर राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी हालात का जायजा लेने पहुंची. यहां पौने दस करोड़ की लागत से तालाब की मेड़ बन रही थी जो मंगलवार को टूट गई थी. जिसकी वजह से वार्ड नंबर 22 के कई घरों बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे. राज्यमंत्री ने वहां पर उतैली के प्रभावित परिवारों से मुलाकात की.

इसी दौरान उन्होंने सवाल पूछा कि आखिर मेड़ कैसे टूटी?  इसी के जवाब में जब ठेकेदार का कर्मचारी सफाई दे रहा था तभी वहां रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी ने बोलना शुरू कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि JCB मशीन से मेड़ तोड़ी गई है जिसकी वजह से यहां अचानक काफी पानी आ गया. इसी पर कर्मचारी के साथ दूसरे अफसर भी मंत्री के सामने ही उसे झिड़कने लगे.

बहस बढ़ा तो कलेक्टर ने हस्तक्षेप करते हुए कहा- आपने अपनी बात रख दी अब बस करो. इसके बाद जब पीड़ित नहीं चुप हुआ तो कलेक्टर अनुराग वर्मा भड़क गए और कहा- इसने संभवत: जानबूझ कर अतिक्रमण किया है. इसका घर नापो. 

जो दशकों से नहीं टूटा वो अब क्यों टूटा?

बता दें कि नारायण तालाब कई दशक पुराना है. जहां पर बरसात के दिनों के अलावा भी पानी लबालब रहता है.इसके अलावा फिल्टर प्लांट का पानी भी यहां पर छोड़ा जाता है, ऐसे में तालाब हमेशा भरा रहता है. हालांकि इससे पहले कभी वह टूटा-फूटा नहीं. तालाब के निचले भाग में नाला था, जिससे ओवर फ्लो होने वाला पानी निकल जाता था. अब कथित रुप से कई घर उस नाले पर बना दिए गए हैं. मंगलवार की दोपहर जब तालाब टूटा तो करीब पचास से अधिक घरों में पानी भर गया था. अब स्थानीय लोग इस पूरी बात घटना के लिए ठेका कंपनी केएन नारंग को जिम्मेदार मान रहे हैं.

सभी पक्षों की बात सुनेंगे, फिर फैसला: राज्यमंत्री 

सवाल ये है कि आखिर नारायण तालाब टूटा तो कैसे टूटा? इसी के जवाब को लेकर उतैली की जनता आंदोलित है. स्थानीय लोगों ने कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस को ज्ञापन भी सौंपा है. इसके अलावा लोगों ने कोलगवां थाना से करीब सीताराम पेट्रोल टंकी के पास रास्ते पर जाम लगा दिया. अब इसी मामले पर राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी ने कहा कि गुरुवार को एक मीटिंग आयोजित की गई है। जिसमें सभी का पक्ष सुना जाएगा. उसके बाद यह तय किया जाएगा कि तालाब ब्रेक के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि जो भी घर प्रभावित हुए हैं, उन्हें सर्वे कर सहायता प्रदान की जाएगी.

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