सरदार वल्लभ भाई पटेल वन्य अभ्यारण (Sardar Vallabhbhai Patel Wildlife Sanctuary) बनाने की कवायद शुरू हो गई है और इसकी जद में सीहोर जिले के भैरुंदा क्षेत्र के गांव आ रहे हैं. वन विभाग ने ग्रामीणों को बेदखली के नोटिस जारी कर दिए हैं. इस कार्यवाही का क्षेत्र के आदिवासी विरोध कर रहे हैं. भैरुंदा के दशहरा मैदान में आदिवासी महापंचायत आयोजित की गई, जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए. उन्होंने आदिवासियों की मांग का समर्थन किया और क्षेत्र से कब्जा हटाने के लिए दिए गए नोटिस कार्यवाही का विरोध किया. उन्होंने कहा कि वह एफआईआर से नहीं डरते.

आदिवासियों के साथ किया भोजन
उन्होंने आदिवासियों के पक्ष में आकर प्रस्तावित अभ्यारण को वापस करने की सरकार से मांग उठाई. इस मुद्दे पर भैरूंदा में सैकड़ों आदिवासी एकत्रित हुए और अपना शक्ति प्रदर्शन करते हुए दशहरा मैदान में आदिवासी जनजातीय महापंचायत का आयोजन किया. इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासियों के बीच बैठकर भोजन किया और उनकी समस्याएं सुनीं. गौरतलब है कि यह गांव उनके संसदीय क्षेत्र में आते हैं.
शिवराज बोले- जमीन से हमें कोई अलग नहीं कर सकता
दरअसल, कुछ दिन पहले वन विकास निगम ने क्षेत्र के आदिवासियों को जमीन खाली करने के लिए नोटिस जारी किए थे. इसको लेकर शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासियों की महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि जमीन हमारी मां है. जमीन से हमें कोई अलग नहीं कर सकता. वर्षों से उस जमीन पर आदिवासियों का कब्जा है. उन्हें कोई नहीं हटा सकता, सरकार आपके साथ है.
सीएम के संज्ञान में मामला, नहीं छीनी जाएगी जमीन
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह गंभीर मुद्दा है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के संज्ञान में यह पूरा मामला और पृष्ठभूमि है. आज आदिवासी महापंचायत में यह तय हुआ कि अब कोई नया कब्जा नहीं होने दिया जाएगा और जो वर्षों पुराने आदिवासी भाइयों के कब्जे हैं, वह उनसे नहीं छीने जाएंगे.
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