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अब बांस-बल्ली के पुल से मिलेगी आजादी, NDTV की खबर का दिखा असर, ऐसे पहुंचा प्रशासन

MP News: NDTV की खबर का बड़ा असर दिखा है. मैहर जिले के करौंदिया गांव में बांस-बल्ली से बनाए गए पुल की खबर दिखाने के बाद जिला प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया. प्रशासन की टीम मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों की समस्या को जाना. साथ ही जल्द नए पुल निर्माण के लिए प्रपोजल तैयार करने के लिए कहा गया है. 

अब बांस-बल्ली के पुल से मिलेगी आजादी, NDTV की खबर का दिखा असर, ऐसे पहुंचा प्रशासन
अब बांस-बल्ली के पुल से मिलेगी आजादी, NDTV की खबर का दिखा बड़ा असर,पहुंचा प्रशासन.

MP News In Hindi: मध्य प्रदेश के मैहर जिले के एक गांव के ग्रामीणों की समस्या को लेकर NDTV ने खबर की थी. अब उस खबर का बड़ा असर दिख रहा है. दरअसल मैहर में आजादी के बाद से ही उपेक्षा का दंश झेल रहे करौंदिया गांव के ग्रामीण सड़क को लेकर परेशान थे. लकड़ी और बांस के बने पुल से आना-जाना करते थे. लेकिन अब इन ग्रामीणों जल्द पक्के पुल की सौगात मिलेगी. अभी तक ग्रामीणों के द्वारा नदी पर बांस बल्ली का पुल बनाकर काम चलाया जा रहा था.

कलेक्टर ने अधिकारियों को दिया निर्देश

जब मामला प्रकाश में आया तो कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया.  गुरुवार की शाम एसडीएम आरती सिंह, नगर परिषद अध्यक्ष दीपा मिश्रा, सहायक यंत्री आशुतोष गुप्ता, ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के इंजीनियर सैयद खान मौके पर पहुंचे. नदी पर बनाए जाने वाले पुल का प्राक्कलन तैयार किया.

गांव में करीब 200 घर की है बस्ती

जानकारी के अनुसार, करौंदिया गांव की करीब 200 घर की बस्ती बरसात के दिनों में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करती है. स्कूली बच्चे खासतौर पर इस मौसम में अपनी पढ़ाई नियमित नहीं रख पाते. नदी के चलते उनका आवागमन सुलभ नहीं रहता. लिहाजा ग्रामीणों ने बच्चों की सहूलियत के लिए जोखिम भरा एक वैकल्पिक पुल लकड़ी के सहारे तैयार किया था. अगर ग्रामीणों ने यह पुल नहीं बनाया होता तो शायद अभी तक प्रकरण की भी तैयारी नहीं होती.

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कर चुके हैं मतदान का बहिष्कार

करौंदिया गांव के लोग सड़क और पुल की मांग को लेकर विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया था. तब तत्कालीन नगर परिषद के सीएमओ ने उन्हें जल्द से जल्द पुल निर्माण का भरोसा दिया था. हालांकि, समय बीतने के बाद सभी ने ग्रामीणों की मांग को भुला दिया था. अब देखना होगा कि कलेक्टर के द्वारा दिए गए निर्देश के बाद प्राक्कलन रिपोर्ट को मंजूरी कब मिलती है.

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