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मूसलाधार बारिश... रसोई घर और पेड़ के नीचे पढ़ाई, बेमेतरा के इस स्कूल की कब बदलेगी तस्वीर?

Chhattisgarh Education Department: बेमेतरा जिले में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत स्कूल मरम्मत के नाम पर अरबों रुपये पानी की तरह बहाए गए, लेकिन आज भी कई जगहों पर स्कूल नहीं होने के चलते बरामदे और पेड़ के नीचे बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं. 

मूसलाधार बारिश... रसोई घर और पेड़ के नीचे पढ़ाई, बेमेतरा के इस स्कूल की कब बदलेगी तस्वीर?

Chhattisgarh education condition is Bad: छत्तीसगढ़ सरकार जहां विद्यालय में बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए नए प्रयोग कर रही हैं वहीं बेमेतरा से एक हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है. जिले में ऐसे कई विद्यालय हैं जहां कमरों के आभाव में एक वर्ग में कई कक्षाएं एक साथ तो कई स्कूलों में छात्र-छात्राएं इस बारिश के मौसम में खुले आसमान में पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर हो रहे हैं.

हालांकि बेमेतरा में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना (CM School Jatan Yojana) के तहत स्कूल मरम्मत के नाम पर अरबों रुपये पानी की तरह बहाए गए, लेकिन आज भी कई जगहों पर स्कूल नहीं होने के चलते छात्र-छात्राएं बरामदे और पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. 

स्कूल कैंपस में बने 8x8 के रसोई घर में ही स्कूल का संचालन किया जा रहा है. इतना ही ननहीं इसी रसोई घर में कार्यालय भी है. जहां पर स्कूल से संबंधित दस्तावेज के अलावा स्कूल के फर्नीचर भी रखे हुए हैं.

बारिश होने पर 8x8 के रसोई घर में पढ़ने को मजबूर हैं बच्चे.

पेड़ के नीचे हो रही पढ़ाई

बेमेतरा के शासकीय प्राथमिक शाला बोरदही में स्कूल भवन नहीं होने के चलते रसोई घर में कक्षा 1 से 5 तक के छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं. वहीं पानी गिर जाने पर ये समस्या ज्यादा उत्पन्न हो जाती है. हालांकि जब बारिश नहीं होती है तो इन छात्रों को पीपल के वृक्ष के नीचे पढ़ाया जाता है, ताकि बच्चे शिक्षा से वंचित न हो.

परिजन अब बच्चों का कटा रहे नाम

स्कूल के प्रधान पाठक संतोष बंजारे का बताते हैं कि यहां की हालत को देखते हुए कई परिजनों ने अपने बच्चों को दूसरी जगह पढ़ने के लिए यहां से टीसी निकाल कर ले गए हैं. यहां कभी 54 बच्चे पढ़ाई करते थे. वर्तमान में महज 19 बच्चे शिक्षा ले रहे हैं.

स्कूल कैंपस में बने 8x8 के रसोई घर में ही स्कूल का संचालन किया जा रहा है. इतना ही ननहीं इसी रसोई घर में कार्यालय भी है. जहां पर स्कूल से संबंधित दस्तावेज के अलावा स्कूल के फर्नीचर भी रखे हुए हैं.

जब बारिश नहीं होती है तो ये बच्चे बरगद के पेड़ के नीचे पढ़ाई करते हैं. 

रसोई घर में ही स्कूल और कार्यालय दोनों का संचालन होता है. स्कूल की जर्जर हालत को देखते हुए 5 सितंबर, 2022 को स्कूल को डिस्मेंटल कर दिया गया था. साथ ही 31 जुलाई, 2023 तक नए स्कूल का निर्माण कर हैंड ओवर करना था, लेकिन अब तक स्कूल का निर्माण कार्य शुरू भी नहीं हुआ है जिसके चलते स्कूल कैंपस में बने 8x8 के रसोई घर में ही स्कूल का संचालन किया जा रहा है. इतना ही नहीं इसी रसोई घर में कार्यालय भी है. जहां पर स्कूल से संबंधित दस्तावेज के अलावा स्कूल के फर्नीचर भी रखे हुए हैं.

स्कूल मरम्मत के नाम पर एक अरब से अधिक की राशि खर्च

एक वर्ष पूर्व बेमेतरा जिला प्रशासन की ओर से मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना व समग्र विकास योजना के तहत जिले के ग्रामीण यांत्रिकी विभाग व हाउसिंग बोर्ड ने 1 अरब 3 करोड़ 65 लाख रुपये खर्च कर तीन चरणों में मरम्मत व नवीन भवन का निर्माण किए थे, जिसमें प्रथम चरण में 441 मुख्यमंत्री जतन योजना के तहत वह 77 समग्र विकास योजना के तहत, द्वितीय चरण में 770  और तीसरे चरण में 88 स्कूलों का मरम्मत कार्य किया गया था.

स्कूल कैंपस में बने 8x8 के रसोई घर में ही स्कूल का संचालन किया जा रहा है. इतना ही ननहीं इसी रसोई घर में कार्यालय भी है. जहां पर स्कूल से संबंधित दस्तावेज के अलावा स्कूल के फर्नीचर भी रखे हुए हैं.

8x8 के रसोई घर में बच्चों की पढ़ाई के साथ कार्यालय का भी संचालन हो रहा है. 

अरबों के खर्च के बाद भी कई स्कूल जर्जर

बेमेतरा शिक्षा जिले में करोड़ों रुपए खर्च कर स्कूल के मरम्मत कार्य किए गए थे, लेकिन अभी भी जिले में 139 प्राथमिक 53 पूर्व माध्यमिक और तीन हायर सेकेंडरी स्कूल अति जर्जर हालत में है, जिसमें बेमेतरा ब्लॉक के 55 प्राथमिक स्कूल, 20 पूर्व माध्यमिक स्कूल और एक हायर सेकेंडरी स्कूल है. इसके अलावा बेरला ब्लॉक में 40 प्राथमिक स्कूल, 13 पूर्व माध्यमिक स्कूल और एक हायर सेकेंडरी स्कूल. साथी साजा ब्लॉक में चार प्राथमिक स्कूल और एक पूर्व माध्यमिक स्कूल जर्जर हालत में है. इसके अलावा नवागढ़ ब्लॉक में 40 प्राथमिक स्कूल, 19 पूर्व माध्यमिक स्कूल और एक हायर सेकेंडरी स्कूल अति जर्जर हालत में है.

कलेक्टर रणबीर शर्मा ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी को मौके पर भेजेंगे और अगर वहां स्कूल ना हो तो तत्काल इसकी स्वीकृति भी प्रदान करेंगे.

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