CG News In Hindi: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में मुख्य बाजार और सड़क किनारे मांसाहारी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक है. इसके बावजूद मुख्य बाजार और सड़क किनारे मीट, मांस और मटन बेचा जा रहा है. जबकि शहर में 12 लाख रुपये खर्च कर स्लाटर हाउस बनवाए गए हैं. मुख्य बाजार समेत स्कूल के आसपास मीट, मांस और मटन की बिक्री की जा रही है. इससे लोगों को परेशानी हो रही है.हालांकि, चेतावनी बोर्ड पर कलेक्टर के आदेश का जिक्र है पर फिर भी कोई नहीं मान रहा है.
इनकी भावनाएं हो रहीं आहत
आपको बता दें कि शहर के गली-मोहल्लों व सड़क के किनारे खुले आम मांस बेचा जा रहा है. आम रास्तों पर सड़क किनारे लटके मांस के लोथड़ों से शाकाहारियों की भावनाएं भी आहत हो रही है. कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर, नगर निगम क्षेत्र चिरमिरी व मनेंद्रगढ़ में भी सड़क किनारे खुले में मांस मछली बेचा जा रहा है. मांस किस जानवर का है, इसका न तो प्रमाणिक दस्तावेज होता है और न ही मांस परिवहन करने अनुमति के कागजात अलग से होते हैं. शहर में बाइक से भी बड़े पैमाने पर मांस की सप्लाई की जा रही है, लेकिन नगरीय निकायों द्वारा आज तक इसकी जांच नहीं की गई.
अधिकारी देखकर भी कर रहे अनदेखी
हैरानी की बात यह है कि सार्वजनिक जगहों के मुख्य सड़क किनारे दुकानों का संचालन किया जा रहा है और अधिकारी देखकर भी अनदेखी कर रहे हैं. जबकि बारिश के मौसम में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए इस मौसम में स्वास्थ्य परीक्षण और ज्यादा जरूरी हो जाता है. कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के मुख्य साप्ताहिक बाजार में मछली और मांस बेचा जा रहा है, जबकि यहां मांस बेचने पर प्रतिबंध का चेतावनी बोर्ड लगा है.
मटन मार्केट में क्यों नहीं लगा रहे ये दुकानें
नगर पालिका द्वारा अलग से मुर्गा, मटन व मछली मार्केट बनाया गया. लाइसेंस धारियों को दुकान आवंटित की गई है. इनमें से कुछ लाइसेंसधारी दुकान का संचालन भी कर रहे हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर बिना लाइसेंस वाले दुकानदार मटन मार्केट को छोड़ जिला मुख्यालय के खरवत सड़क किनारे, भट्टीपारा, ओड़गी नाका के बीच सड़क किनारे व बाजार में दुकान लगाकर मांस बेच रहे हैं.
इनकी है जांच की जिम्मेदारी
ग्राहकों को साफ सुथरी, ताजा व स्वास्थ्य मुर्गा व बकरे का मांस उपलब्ध हो, इसके लिए पशुपालन विभाग के एक डॉक्टर को यह जिम्मेदारी दी जाती है कि वह मीट कारोबारियों से मिलकर मीट के लिए लाए गए बकरों के स्वास्थ्य की जांच करें. जांच के दौरान यह देखा जाता हैं कि बकरा बीमार तो नहीं है. बकरों के मेडिकल जांच व डॉक्टरी सर्टिफिकेट के बाद ही बकरे के मांस को बाजार में बेचा जा सकता है.
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ये लोग क्यों नहीं मान रहे निगम के नियम?
दशकों से खाली पड़े स्लाटर हाउस मांस की दुकान का संचालन करने वाले निगम के किसी नियम को नहीं मानते हैं. यहां 12 महीने मीट, मांस और मटन का कारोबार सड़क किनारे स्थायी दुकान बनाकर बेच रहे है. जबकि निगम के द्वारा बड़ा बाजार, पोड़ी कालरी, हल्दीबाड़ी, गोदरीपारा समेत डोमनहिल में मांस बेचने के लिए स्लाटर हाउस का निर्माण कराया गया है, लेकिन ये स्लाटर हाउस एक दो दशक से खाली पड़े हैं.
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