
Mahatari Vandan Yojana News: छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी 'महतारी वंदन योजना' इस समय सवालों के घेरे में है. इस योजना में हर महीने महिलाओं को ₹1000 दिए जाते हैं.विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए गेम चेंजर साबित हुई इस योजना के करीब 5 लाख लाभार्थी महिलाएं कम होने को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस आरोप लगा रही है कि सरकार चुनाव से पहले किए गए वादे से पीछे हट रही है, वहीं सरकार ने इन आंकड़ों के अंतर का कारण मृत्यु, डबल आवेदन और ई-केवाईसी की प्रक्रिया बताया है.
हितग्राहियों की शिकायत: पैसा आना हुआ बंद
दरअसल योजना से जुड़ी कई महिलाओं को हालिया किस्त की राशि नहीं मिली है. राजधानी रायपुर में ही कई लाभार्थी इस बात की शिकायत कर रहे हैं कि उनका पैसा आना बंद हो गया है.संगीता दुबे नामक हितग्राही ने बताया कि पहले पैसा समय से आता था, लेकिन अब इस माह की किस्त नहीं आई है, जिससे दिवाली जैसे त्योहार पर दिक्कत हो रही है.एक अन्य हितग्राही रेनू कुमारी ने बताया कि उनका पैसा बीच में बंद हो गया था, शिकायत के बाद फिर से शुरू हुआ, लेकिन इस माह फिर नहीं आया.इसी तरह मोमीना खातून ने भी शिकायत की है कि उन्हें शुरुआत में पैसा मिला, लेकिन पिछले चार माह से खाते में कोई राशि नहीं आई है.
महिलाओं के साथ धोखा किया BJP ने: कांग्रेस
इन शिकायतों ने कांग्रेस को सरकार पर हमलावर होने का मौका दिया है.छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने सरकार के आंकड़ों पर सवाल उठाया.उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब इस योजना की शुरुआत की थी, तब 70 लाख 12 हजार 800 महिलाओं को पहली किस्त जारी की गई थी. लेकिन 4 अक्टूबर 2025 को जब 20वीं किस्त जारी हुई, तो यह संख्या घटकर 64 लाख 94 हजार 768 रह गई. यानी, 5 लाख से अधिक महिलाएं अचानक इस योजना से बाहर हो गईं.ठाकुर ने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनाव में हर महिला को लाभ देने का वादा किया था, लेकिन सरकार बनने के बाद उसमें शर्तें (टर्म्स एंड कंडीशन) लगा दी गईं. उन्होंने इस कटौती को प्रदेश की महिलाओं के साथ धोखा बताया और शत-प्रतिशत महिलाओं को योजना का लाभ देने की मांग की.
सरकार की सफाई: 'वेरिफिकेशन के कारण आया अंतर'
मामले पर बढ़ते विवाद को देखते हुए, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस का काम सिर्फ़ आरोप लगाना है, जबकि सरकार ने गठन के दो महीने के भीतर ही हमने योजना की शुरुआत कर दी थी.मंत्री राजवाड़े ने 5 लाख के अंतर के पीछे चार वजहें बताई हैं.
मृत्यु: सत्यापन (वेरिफिकेशन) प्रक्रिया में पाया गया कि करीब 64,858 हितग्राही महिलाओं की मौत हो चुकी है.
डबल आवेदन: लगभग 40,728 महिलाएं ऐसी थीं जिन्होंने योजना के लिए दो बार आवेदन कर दिया था, जिनके नाम काटे गए हैं.
स्वैच्छिक निकासी: 707 महिलाओं ने स्वेच्छा से योजना का लाभ न लेने का निर्णय लिया है.
ई-केवाईसी प्रक्रिया: मंत्री के अनुसार,लगभग 4 लाख की संख्या उन हितग्राहियों की है, जिनकी बैंक ई-केवाईसी (e-KYC) की प्रक्रिया चल रही है.
मंत्री ने यह आश्वासन दिया है कि जैसे ही ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी होगी, उन्हें भी योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही, नए हितग्राहियों को जोड़ने के लिए जल्दी ही फिर से पोर्टल खोला जाएगा.
ये भी पढ़ें: महाकाल लोक:फिर से तकिया मस्जिद बनाने की मांग खारिज, हाईकोर्ट बोला-धर्म का स्थान से कोई नाता नहीं