Mahakal Bhasm Aarti Ujjain: उज्जैन में किसी भी पर्व की शुरुआत विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर (Shree Mahakaleshwar Temple) से होती है. यही वजह है कि गुरुवार तड़के भस्म आरती (Bhasm Aarti) में पहले बाबा महाकाल को उबटन लगाकर सजाया, फिर फुलझड़ी जलाकर और अन्नकूट का भोग लगाकर दीपावली पर्व की शुरुआत की गई. उज्जैन की परंपरानुसार हर पर्व की शुरुआत बाबा महाकाल की तड़के होने वाली भस्म आरती से होती है. वहीं इस बार तिथियों के चलते दीपावली भी कहीं 31 अक्टूबर तो कहीं 1 नवम्बर को मानी जा रही है, लेकिन महाकाल मंदिर में ग्वालियर पंचांग से पर्व तय होते हैं. इसलिए गुरुवार को ही रूप चौदस और दीपावली मानी गई. इसलिए तड़के हुई भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल को गर्म जल से स्नान करवाकर दूध, दही, घी, शहद और फल के रस से बने पंचामृत अभिषेक पूजन किया गया. इस दौरान पुजारी परिवार की महिलाओं ने बाबा को केसर चंदन इत्र का उघटन लगाया. उसके बाद गर्भ गृह में बाबा महाकाल के साथ पुजारी ने फुलझड़ियां जलाकर दीपावली पर्व मनाया और अन्न कूट भी लगाया.
VIDEO | Special 'Bhasma Aarti' was performed at the Mahakal Temple in Ujjain on Diwali. Devotees thronged to the temple to seek blessings this morning. #Diwali #MahakalTemple #Ujjain pic.twitter.com/JqebUCwzY4
— Press Trust of India (@PTI_News) October 31, 2024
रोशनी से जगमगाया मंदिर
दीपावली पर महाकाल मंदिर में आकर्षक रंग बिरंगी विद्युत रोशनी की गई है. रंगोली और फूलों से सजाया गया है. वहीं थाईलैंड, बैंकॉक, मलेशिया के अलावा भारत के बैंगलोर, कोलकाता, दिल्ली, मुंबई से एंथोरियम, लिलियम, कॉर्निशन, सेवंती, डेजी जैसे फूलों से बाबा के आंगन को सजाया गया है.
#WATCH | Madhya Pradesh: Aarti performed at the Mahakal Temple in Ujjain, on the occasion of Diwali pic.twitter.com/K3oPZ0MDSO
— ANI (@ANI) October 31, 2024
बाबा महाकाल का अभ्यंग स्नान
पुजारी महेश शर्मा ने बताया की विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भस्मारती के दौरान भगवान महाकाल को गर्म जल से स्नान कराया गया. इसे अभ्यंग स्नान कहते हैं. चूंकि कार्तिक मास की चौदस से सर्दियों की शुरुआत मानी जाती है, इसलिए ठंड से बचने के लिए बाबा महाकाल को गर्म जल से स्नान कराने की परंपरा है. इसकी शुरुआत हो गई है. अब महाशिवरात्रि तक बाबा को गर्म जल से स्नान कराया जाएगा. वहीं दिवाली पर्व पर महाकाल को धान, खाजा, शक्कर पारे, गूंजे, पपड़ी-मिठाई सहित भोग की थाली में खास मूली की सब्जी, बैगन की सब्जी भी भोग के रूप अर्पित की गई.
यह भी पढ़ें : Diwali 2024: संस्कारधानी में नर्मदा दीपोत्सव का अद्भुत आयोजन, 51 हजार दीपों से जगमग हुआ ग्वारीघाट
यह भी पढ़ें : ओंकारेश्वर में दुनिया के सबसे बड़े सोलर फ्लोटिंग प्रोजेक्ट ने रचा कीर्तिमान, Diwali पर मिली ये खुशखबरी
यह भी पढ़ें : Mahakal Mandir Ujjain: 5G टेक्नोलॉजी की मशीन से श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालु ले सकेंगे प्रसाद
यह भी पढ़ें : Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti 2024: छोटे से सरदार क्यों थे असरदार? जानिए उनकी विरासत