Year Ender 2023: मध्य प्रदेश के लिए साल 2023 कई बड़े बदलावों और उपलब्धियों से भरा रहा. प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए और जनता ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी को चुना. हालांकि इस बार एमपी की कमान डॉ मोहन यादव के हाथ में है. 2023 में कई सम्मान और अवॉर्ड भी मध्य प्रदेश की झोली में गिरे और कइयों ने प्रदेश का नाम देश और पूरी दुनिया में रौशन किया. 83 साल की बुजुर्ग चित्रकार जोधइया बाई को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया और भारतीय स्ट्रेंथ लिफ्टर विनय डेरिया (फिजिकली चैलेंज्ड) ने हैदराबाद में विश्व स्ट्रेंथलिफ्टिंग और इन्कलाइन बेंच प्रेस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक अपने नाम किया. आइए एक नजर उन चेहरों पर डालते हैं जिन्होंने 2023 में मध्य प्रदेश का नाम पूरे देश में रौशन किया.
उमरिया की जोधइया बाई को मिला पद्मश्री
मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के ग्राम लोढ़ा स्थित जनगण तस्वीर खाना की मशहूर 83 वर्षीय बुजुर्ग चित्रकार जोधइया बाई को केंद्र सरकार ने साल 2023 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया. इस खबर ने उमरिया जिले सहित देश भर के बैगा आदिवासियों को गौरवान्वित किया. पहली बार बैगा कला को इतना बड़ा सम्मान प्राप्त हुआ, जिसकी स्थापना जनगण तस्वीर खाना के रूप में मशहूर चित्रकार स्व. आशीष स्वामी ने की थी. चित्रकार आशीष स्वामी ने गोंड पेंटिंग की तर्ज पर जनगण तस्वीर खाना से बैगा आर्ट की शुरुआत करने का फैसला किया और अपने गृह जिले उमरिया के ग्राम लोढ़ा में वर्ष 2008 में जनगण तस्वीर खाना की स्थापना की और गुरु शिष्य परंपरा के अनुसार बैगा जनजातीय समुदाय की महिलाओं को चित्रकला सिखाना शुरू किया. उसी दौरान 67 वर्षीय जोधइया बाई की गरीबी को देखते हुए चित्रकार आशीष स्वामी ने उन्हें चित्रकला की ओर प्रेरित किया. जोधइया बाई ने उनकी बात मानते हुए पहली बार कूची पकड़ी. इसके अलावा दर्जनों बैगा महिलाओं ने भी चित्रकला का प्रशिक्षण लेना शुरू किया. इस प्रकार पहली बार बैगा चित्रकला अस्तित्व में आई. बुजुर्ग चित्रकार जोधइया बाई समेत बैगा समाज के कई लोग शामिल होकर चित्रकला के क्षेत्र में अपना नाम देश-विदेश में कमा चुके हैं.
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प्रिया पाठक ने MPPSC 2019 में किया टॉप
मध्य प्रदेश के अभ्यर्थी पिछले चार साल से MPPSC 2019 रिजल्ट का इंतजार कर रहे थे. मई 2023 में जब नतीजे घोषित हुए तब पता चला कि प्रदेश की बेटियों ने बाजी मार ली है. टॉप-10 टॉपर्स में सात लड़कियां शामिल थीं. प्रिया पाठक राज्यसेवा-2019 की टापर बनीं. सतना की रहने वाली प्रिया पाठक ने एमपीपीएससी-2019 के नतीजों में पहला स्थान हासिल किया. नागौद की प्रिया के पिता कृष्ण शरण पाठक शासकीय स्कूल में प्राइमरी टीचर हैं. प्रिया एक मध्यमवर्गी परिवार से आती हैं और बचपन से ही पढ़ने में होनहार थीं. वह लगातार एमपीपीएससी की तैयारी कर रही थीं और कड़ी मेहनत के बाद उन्हें यह सफलता मिली है.
ग्वालियर के शिवेंद्र सिंह को मिलेगा द्रोणाचार्य अवॉर्ड
भारतीय हॉकी टीम के शानदार खिलाड़ी रहे और वर्तमान में भारतीय हॉकी टीम के सहायक कोच शिवेंद्र सिंह को भारत सरकार के खेल सम्मानों में से एक द्रोणाचार्य सम्मान देने का ऐलान किया गया है. हॉकी में यह राष्ट्रीय सम्मान पाने वाले वह न केवल ग्वालियर बल्कि सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के पहले हॉकी खिलाड़ी हैं. ग्वालियर के सामान्य परिवार में जन्मे शिवेंद्र सिंह ने अभाव और संघर्षों के बीच तानसेन नगर की गली में खेलकर अपनी शुरुआत की. उनके भाई शौकिया हॉकी खेलते थे लिहाजा वह भी उनके साथ जाने लगे और फिर अपने खेल के जरिए वह सभी का ध्यान खींचते रहे और भारतीय टीम का हिस्सा बनकर देश-प्रदेश के गौरव बन गए. जब विगत दिनों उन्हें सरकार ने अपने सर्वोच्च खेल सम्मानों में से एक द्रोणाचार्य अवॉर्ड देने की घोषणा की तब वह भारतीय टीम के साथ स्पेन में थे. उन्होंने पता चलते ही सबसे पहले ग्वालियर में रह रही अपनी मां को सूचना दी. शिवेंद्र सिंह को 9 जनवरी को दिल्ली में राष्ट्रपति की ओर से द्रोणाचार्य अवॉर्ड प्रदान किया जाएगा.
माउंटेन मैन अंकित सेन ने माउंट किलिमंजारो पर लहराया तिरंगा
जबलपुर शहर के माउंटेन मैन अंकित सेन ने अपना नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और इंडियन बुक के बाद इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराया. अंकित ने 26 जनवरी 2023 को माउंट किलिमंजारो पर भारत देश का 350 फीट का राष्ट्रीय ध्वज लहराकर स्टेला पॉइंट पर रिकॉर्ड बनाया था. अंकित ने तीन रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए हैं. हाल ही में अंकित सेन ने 15 अगस्त को यूरोप महाद्वीप के सबसे ऊंचे शिखर माउंट एलब्रुस में जाकर देश का राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. अब जनवरी में वह ऑस्ट्रेलिया की तैयारी कर रहे हैं और 2024 में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर जाकर भारत देश का राष्ट्रीय ध्वज लहराएंगे. अंकित दो महाद्वीपों अफ्रीका और यूरोप में तिरंगा लहरा चुके हैं और अब तीसरे महाद्वीप के लिए तैयारी कर रहे हैं.
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भारतीय स्ट्रेंथ लिफ्टर विनय डेरिया ने जीता गोल्ड
भारतीय स्ट्रेंथ लिफ्टर विनय डेरिया (फिजिकली चैलेंज्ड) ने हैदराबाद में विश्व स्ट्रेंथलिफ्टिंग और इन्कलाइन बेंच प्रेस चैंपियनशिप में 117.5 किलोग्राम की लिफ्ट कर स्वर्ण पदक जीता और देश का परचम फहराया. विनय डेहरिया शरीर से 80 प्रतिशत फिजिकल अनफिट हो गए थे. 20 साल पहले जब विनय एक बोर्ड लगा रहे थे तभी ट्रान्सफार्मर से उन्हें करंट लग गया जिसके कारण उन्हें पैरालिसिस अटैक आया और शरीर के 80 प्रतिशत भाग ने काम करना बंद कर दिया. कुछ साल में विनय कुछ ठीक तो हुए लेकिन चलने-फिरने में अभी भी फिट नहीं हैं इसलिए उन्होंने कुछ चैलेंजिंग करने के लिए बेंच प्रेस में अपना करियर बनाना शुरू किया. वर्ष 2006 से ही विनय ने प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू कर दिया लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. उन्होंने पहला मेडल 2014 में जीता. अभी तक विनय 16 मेडल जीत चुके हैं.