Madhya Pradesh Weather Update: मध्य प्रदेश के हरदा जिले में बेमौसम बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. जिले में वर्ष 2025 में लगभग 1.32 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन और करीब 35 हजार हेक्टेयर में मक्का की फसल बोई गई थी, लेकिन भारी बारिश के कारण फसलें बर्बाद हो गईं. किसानों को अब गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. कई किसानों को अपनी बेटियों की शादी टालनी पड़ी, जबकि कुछ ने अपनी मक्का की फसल में मवेशियों को चरने के लिए छोड़ दिया है.
यूं तो बेमौसम बारिश ने मध्य प्रदेश के कई जिलों में फसलों को नुकसान पहुंचाया है, लेकिन अकेले हरदा जिले के ग्राम कुकरावद में किसानों ने 70 से 80 प्रतिशत फसल नुकसान का दावा किया है. हालांकि कृषि एवं राजस्व विभाग के अनुसार, नुकसान का प्रतिशत 30 से 35 के बीच ही है. इस विसंगति से किसानों में असंतोष है.
बेटी की शादी टली, कर्ज का बोझ बढ़ा
ग्राम कुकरावद के किसान अमृतलाल बघेल ने बताया कि उन्होंने 50 एकड़ जमीन सिकमी पर ली थी, लेकिन बारिश से भारी नुकसान हुआ है. नवंबर में उनकी बेटी की शादी होनी थी, जिसे अब उन्हें टालना पड़ा है. उन्हें सिकमी का भुगतान करने के लिए और कर्ज लेना पड़ेगा. बघेल ने सरकार से बीमा और मुआवजा राशि मिलने की उम्मीद जताई है ताकि उन्हें कुछ राहत मिल सके.
ट्रैक्टर के लिए लिया कर्ज, अब नहीं चुका पा रहे
इसी गांव के किसान बलराम पाटिल ने बताया कि उन्होंने ट्रैक्टर खरीदने के लिए कर्ज लिया था, जिसके लिए डीलर लगातार फोन कर रहा है. उनकी सोयाबीन की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है. उन्हें प्रति एकड़ 8 से 9 बोरी उत्पादन की उम्मीद थी, लेकिन इस साल मात्र 50 किलोग्राम प्रति एकड़ ही उत्पादन हो पाया है.
मंडी में नहीं मिल रहे सही दाम
ग्राम धुरगाड़ा के किसान लक्ष्मण सिंह राजपूत ने अपनी 10 एकड़ में लगी मक्का की फसल को लेकर निराशा जताई. उन्होंने बताया कि मंडी में फसल का उचित दाम नहीं मिल रहा और व्यापारी भी खरीदी नहीं कर रहे हैं. लागत से भी कम दाम मिलने के कारण उन्होंने अपनी फसल में मवेशियों को चरने के लिए छोड़ दिया है.
96 हजार किसानों को मिलेगा 72 करोड़ का मुआवजा
हरदा जिले में बारिश से खराब हुई सोयाबीन की फसल का राज्य सरकार की ओर से करीब 72 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना है. संयुक्त कलेक्टर सतीश राय ने बताया कि जिले के 96 हजार किसानों को मुख्यमंत्री की ओर से यह राशि दी जा रही है. उन्होंने कहा कि किसानों को औसतन 25 से 35 प्रतिशत का नुकसान हुआ है. प्रत्येक किसान को कम से कम 5 हजार रुपये से लेकर अधिकतम 1.20 लाख रुपये तक का मुआवजा मिलेगा. उन्होंने बताया कि मुआवजा वितरण की सारी प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है.
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