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Satna District Hospital: थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों में HIV संक्रमण की जांच तेज, CDSCO टीम ने मांगी 200 रक्तदाताओं की सूची

Thalassemia Children HIV Positive: सतना जिला अस्पताल के ब्लड बैंक से चढ़ाए गए खून ने थैलेसीमिया से जूझ रहे चार मासूम बच्चों को HIV जैसी जानलेवा बीमारी का शिकार बना दिया. चार महीने तक इस भयानक चूक को दबाए रखने की कोशिश की गई. हालांकि जब हकीकत सामने आई है, तो पूरे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा गया.

Satna District Hospital: थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों में HIV संक्रमण की जांच तेज, CDSCO टीम ने मांगी 200 रक्तदाताओं की सूची

Satna Thalassemia Children HIV Positive: सतना जिले में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि के बाद यह मामला प्रदेश से लेकर भारत सरकार तक गंभीरता से लिया गया है. बुधवार को दिल्ली से भारत सरकार के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की दो सदस्यीय टीम जांच के लिए सतना जिला अस्पताल पहुंची. सूत्रों के अनुसार टीम अभी पूर्ण नहीं है और एक वरिष्ठ अधिकारी के गुरुवार को सतना पहुंचने की संभावना है.

थैलेसीमिया पीड़ित 4 बच्चों को HIV पॉजिटिव

जांच को पूरी गोपनीयता और गहनता के साथ अंजाम दिया जा रहा है. इसी कारण जांच के दौरान मीडिया को जिला अस्पताल परिसर में प्रवेश नहीं दिया गया. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार कुल छह बच्चों में संक्रमण की बात सामने आई थी, लेकिन जांच के बाद एक बच्चा दूसरे राज्य का और एक बच्चा पारिवारिक संक्रमण से प्रभावित पाया गया, इसलिए उन्हें जांच के दायरे से बाहर रखा गया. वर्तमान में चार थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के एचआईवी पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है.

200 रक्तदाताओं की मांगी सूची

भारत सरकार की ओर से आई सीडीएससीओ टीम में सेंट्रल ड्रग इंस्पेक्टर महेश और सचिन शामिल हैं. इनके साथ राज्य स्तर से भी दो अधिकारी जांच में सहयोग कर रहे हैं. रीवा मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. लोकेश त्रिपाठी भी जिला अस्पताल पहुंचे. टीम ने इन चार बच्चों के संपर्क में आए लगभग 200 रक्तदाताओं की सूची मांगी है, ताकि संक्रमण के स्रोत की गहराई से जांच की जा सके.

जांच के दौरान टीम ब्लड बैंक पहुंची और वहां मौजूद क्लिया मशीन (एचआईवी जांच उपकरण) के विंडो पीरियड से जुड़े सवालों की पड़ताल की. रक्तदाताओं के नमूनों की जांच कर मशीन की कार्यक्षमता और प्रमाणिकता का सत्यापन किया गया. राज्य की ओर से औषधि निरीक्षक प्रियंका चौबे भी जांच में शामिल रहीं. इसके अलावा ब्लड बैंक में रखे पैक सेल और रक्त संग्रह प्रक्रिया की जानकारी भी ली गई.

जिला टीम ने सौंपी रिपोर्ट

मामले के उजागर होने के बाद सिविल सर्जन डॉ. मनोज शुक्ला ने जिला अस्पताल स्तर पर एक आंतरिक जांच टीम गठित की थी. इस टीम में शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप द्विवेदी, पैथोलॉजिस्ट डॉ. देवेन्द्र पटेल और सहायक प्रबंधक डॉ. धीरेन्द्र वर्मा शामिल थे. सूत्रों के मुताबिक, इस टीम ने अपनी रिपोर्ट में यह स्वीकार किया है कि बच्चों में एचआईवी संक्रमण रक्तदाताओं के रक्त से फैला है, हालांकि रक्तदाताओं को ट्रेस करना बड़ी चुनौती है.

नोडल के बाद काउंसलर को नोटिस

इधर, सिविल सर्जन ने आईसीटीसी के काउंसलर नीरज तिवारी को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है. इससे पहले डॉ. पूजा गुप्ता को भी नोटिस दिया जा चुका है. वहीं जांच टीम के सतना पहुंचने की सूचना पर बुधवार शाम महिला कांग्रेस की नेत्रियां पूर्व विधायक कल्पना वर्मा के नेतृत्व में जिला अस्पताल पहुंचीं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की. जांच टीम ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है. फिलहाल केंद्रीय टीम के सतना में ही ठहरकर विस्तृत जांच करने की संभावना है, जिससे इस गंभीर लापरवाही के हर पहलू को उजागर किया जा सके. 

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