Dhar Nagar Gaurav Diwas: मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पद संभाल लिया है. अब जल्द ही नए मंत्रिमंडल का भी गठन हो जाएगा. धार (Dhar) जिले के लिए प्रभारी मंत्री जल्द बनाने की उम्मीदें की जा रही है. दरअसल, धार के नगर गौरव दिवस मनाने के प्रस्ताव पर प्रभारी मंत्री का हस्ताक्षर होना जरूरी है. उनके हस्ताक्षर के बाद ही नगर में गौरव दिवस ‘बसंत पंचमी' तिथि पर मनाने का प्रस्ताव पास हो पाएगा. फिलहाल, शासन के रिकॉर्ड में धार नगर का गौरव दिवस 23 जनवरी के नाम दर्ज है. राजा भोज शोध से जुड़े इतिहासकारों और विद्वानों को बुलाकर यह तिथि तय की गई थी.
8 महीने बाद भी स्वीकृति नहीं
नगरपालिका की नई परिषद् ने साधारण परिषद् की बैठक में बसंत पंचमी तिथि पर मनाने का संकल्प प्रस्ताव पारित किया गया था. इसे 8 महीने का वक्त बीत गया, लेकिन पूर्व प्रभारी मंत्री से स्वीकृति नहीं मिल पाई.
23 जनवरी का विरोध
धार में 23 जनवरी की तिथि तय की गई थी. इस पर काफी विवाद हुआ था. दरअसल, राज्य शासन ने तारीख तय करने के निर्देश दिए थे. 23 जनवरी को राजा भोज के राज्यारोहण का दिवस बताया गया था. लोगों का कहना है कि एक हजार ईसवी पूर्व तिथियों से कार्य होता था. तारीखों के कैलेंडर नहीं थे. ऐसी स्थिति में तिथि से तारीख निकालने को लेकर विवाद खड़ा हुआ था. इस विवाद के पीछे राजनीति भी कारण रही है. हिन्दू संगठनों ने बसंत पंचमी तिथि करने की मांग की थी. नगरपालिका में अध्यक्ष नेहा महेश बोड़ाने और उपाध्यक्ष मयंक म्हाले ने बसंत पंचमी का प्रस्ताव लाकर पारित किया था.
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इन मानकों पर तय करना है सिटी-डे
शासन ने 4 बिंदुओं के आधार पर धार का सिटी-डे घोषित करने का निर्देश दिया है. इसमें नगर का स्थापना दिवस, यानि धार नगर कब शहर के रूप में मान्य किया गया, स्थानीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का जन्म दिवस, ऐहितहासिक सांस्कृतिक विरासत या स्थापत्य के आधार पर दिवस का चयन, स्थानीय शहीद की जन्मतिथि या पुण्यतिथि को दिवस के रूप में घोषित किया जाए. सबसे मुख्य बात यह है कि चयन प्रक्रिया में स्थानीय नागरिकों के विचार को महत्व देने के बाद ही दिवस घोषित करने के लिए कहा है. इसके बाद ही नगर परिषद संकल्प पारित करेगी. जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद इसकी सार्वजनिक घोषणा होगी.
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