Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कटनी जिले (Katni) के बरही वन परिक्षेत्र में 20 दिन का शावक अपनी मां से बिछड़ गया. जिसकी सूचना वन विभाग को मिली जिसके बाद उसकी बाघिन मां से मिलाने में वन विभाग के 23 अधिकारी- कर्मचारी लग गए. ये लोग लगातार निगरानी करते रहे, लेकिन शावक को उसकी मां से मिलाने में इन्हें सफलती नहीं मिली. जिसके बाद शावक को जंगली जानवरों से सुरक्षित रखने के लिए वन विभाग की टीम ने उसे सभी प्रोटोकॉल के साथ मुकुंदपुर टाइगर सफारी में भेज दिया है.
20 दिन का बताया जा रहा है बिछड़ हुआ शावक
जानकारी के मुताबिक कटनी जिले के बरही वन परिक्षेत्र, जिसका अधिकांश हिस्सा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से जुड़ा हुआ है. जिसमें वनकर्मियों को सर्चिंग के दौरान बिचपुरा बीट के पास एक नन्हा बाघ शावक अकेला घूमता हुआ मिला. जिसकी सूचना बीट गार्ड ने डिप्टी रेंजर से लेकर डीएफओ स्तर के अधिकारियों तक पहुंचाई, जिसके बाद मौके पर पहुंचकर आईएफएस अधिकारी डेविड चनाप सहित अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों ने डीएफओ के नेतृत्व में बाघ शावक की आस-पास के क्षेत्र में निगरानी शुरू करवाई, ताकि ये शावक किसी शिकारी या जंगली जानवरों के हत्थे न चढ़ जाए.
उच्चाधिकारियों के निर्देशन पर मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी में भेजे जाने का लिया गया निर्णय
वन विभाग की टीम ने शावक को बाघिन मां से मिलाने का प्रयास शुरू किया, लेकिन जब 2 दिनों तक सफलता नहीं मिली तो कटनी वनमंडल के बरही वन परिक्षेत्र की टीम ने शावक को डाक्टरों की निगरानी में जंगल से उठाकर वन परिक्षेत्र के कार्यालय में रखा और शावक की निगरानी और पालन-पोषण के लिए विशेषज्ञों की टीम करने लगी.
वहीं, जब शावक बाघ का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया तो पता चला की बाघ को उम्र लगभग 20 दिन की होगी, जो कि पूरी तरह से स्वस्थ है लेकिन उसकी परवारिश के लिए उच्चाधिकारियों के निर्देशन पर मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी में भेजे जाने का निर्णय लिया गया. जिसके लिए 2 गाड़ी में 5 विशेषज्ञों के साथ वन अमला मुकुंदपुर जंगल सफारी भेजा गया है. जहां पर विशेषज्ञ की निगरानी में शावक बिन मां के ही अपने जीवन में जंगल के राजा के बनने का गुण सीखेगा.
2 दिन तक शावक को उसकी बाघिन मां से मिलाने का प्रयास किया गया
बरही रेंज के वन परिक्षेत्र अधिकारी डेविड चनाप ने शावक के रेस्क्यू पर जानकारी देते हुए बताया कि 2 दिन तक शावक को उसकी बाघिन मां से मिलाने का प्रयास किया गया लेकिन सफलता नही मिलने पर उसे मुकुंदपुर टाइगर सफारी में ले जाकर सौंप दिया गया है. यहां बिचपुरा बीट में एक टीम की तैनाती की गई है ताकि इसी तरह और शावक बिछड़े हो तो उन्हें सुरक्षित रखा जा सके, यह टीम 15 से 20 दिनों तक निगरानी करेगी.
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