Madhya Pradesh Results 2023 : चिधानसभा चुनाव 2023 (Assembly Election 2023) की तरीख घोषित होने से कुछ दिनों पहले ही लोकसभा और राज्यसभा (Lok Sabha and Rajya Sabha) में महिला आरक्षण विधेयक (Women's Reservation Bill, 2023) पारित किया गया था. इस बिल या विधेयक में देश की संसद और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है. लेकिन असल मायने में महिला आरक्षण केवल कागजों में ही सिमट कर रह जाता है. निकाय और पंचायत चुनावों में जहां-जहां महिला आरक्षण हैं, वहीं अधिकांश मामलों में उनके पति या पुरुष रिश्तेदार कमान संभालते दिखते हैं. जनता भी अपना जनादेश महिलाओं को नहीं देती हुई दिखाई पड़ती है. इसका हालिया उदाहरण मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में देखने को मिला जहां एडीआर की रिपाेर्ट (ADR Report) के अनुसार 253 महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान पर उतरी थीं जिनमें से महज 27 महिलाएं ही विधानसभा सदन तक पहुंच पायी हैं. आइए जानते हैं क्या कुछ कहते हैं आंकड़े...
इस बार 2534 में से 253 उम्मीदवार महिलाएं
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms (ADR)) की रिपोर्ट के अनुसार इस बार के चुनाव में कुल मिलाकर 2534 प्रत्याशी विधानसभा चुनाव में उतरे थे, जिनमें से 2281 पुरुष और 253 महिलाएं थीं. महिला उम्मीदवारों का प्रतिशत महज 10 फीसदी रहा था. वहीं 2018 के विधानसभा चुनाव में 2716 में से 235 महिलाएं (9%) चुनावी रण में थीं. इस बार चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 27 तो कांग्रेस ने 30 महिलाओं को टिकट दिया था.
230 में से 27 सीटों पर महिलाएं
मध्य प्रदेश की 16वीं विधानसभा में कुल 230 सदस्यों में 27 माननीय सदस्य महिलाएं हैं. प्रतिशत के लिहाज ये आंकड़ा 12 फीसदी का है. वहीं 2018 के चुनाव से 15वीं विधानसभा में 21 (9%) विधायक महिलाएं थीं. न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार इस बार जिन 27 महिला उम्मीदवारों ने विधानसभा चुनाव जीता है, उनमें से 21 भारतीय जनता पार्टी और 6 कांग्रेस पार्टी की हैं.
सबसे ज्यादा मतों से जीत कृष्णा ने दर्ज की
इस बार की महिला विधायकों में सबसे बड़ी जीत मध्य प्रदेश की गोविंदपुरा सीट से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार कृष्णा गौर ने दर्ज की है. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पार्टी के रवीन्द्र साहू झूमरवाला को 1.06 लाख वोटों से पराजित किया है. इस सीट पर 1980 से 2013 तक 8 बार कृष्णा गौर के ससुर और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर विजेता रहे हैं. इंदौर-4 विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी की मालिनी गौड़ 69 हजार वोटों के अंतर से जीती हैं.
सबसे युवा प्रियंका ने 5 बार के सांसद और 3 बार के विधायक को हराया
भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी प्रियंका मीणा इस बार के चुनाव में सबसे कम उम्र की महिला विधायक बनी हैं. 31 वर्षीय प्रियंका ने चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के बड़े नेता लक्ष्मण सिंह (Lakshman Singh) को 61 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है. लक्ष्मण सिंह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) के भाई हैं और 5 बार लोकसभा के संसद सदस्य रहे हैं जबकि 3 बार विधायक रह चुके हैं.
बीजेपी की इन महिला उम्मीदवारों ने भी जीता चुनाव
बीजेपी के टिकट से विधानसभा पहुंचने वाली महिला विधायकों में महू से ऊषा ठाकुर (Usha Thakur (Mhow)), मानपुर से मीना सिंह (Meena Singh (Manpur)), सीधी से रीति पाठक (Riti Pathak (Sidhi)), बुरहानपुर से अर्चना चिटनिस (Archana Chitnis (Burhanpur)), मंडला से संपतिया उइके (Sampatiya Uikey (Mandla)), नेपानगर से मंजू दादू, घोड़ाडोंगरी से गंगाबाई उइके, प्रतिमा बागरी रैंगांव से, राधा सिंह चितरंगी से, धार से नीना वर्मा, पेटलावद से निर्मला भूरिया, खंडवा से कंचन तनवे, पंधाना से छाया मोरे, देवास से गायत्री राजे पंवार, सबलगढ़ से सरला बृजेंद्र रावत, छतरपुर से ललिता यादव और हट्टा से उमा कार्तिक ने चुनाव जीता है.
कांग्रेस से इन महिला उम्मीदवारों ने मारी बाजी
बालाघाट में कांग्रेस (Congress) की अनुभा मुंजारे (Anubha Munjare) ने बीजेपी के मंत्री (BJP Minister) गौरी शंकर बिसेन को हराया है. सेना पटेल ने जोबट सीट पर जीत दर्ज की है, वहीं बीना से निर्मला सपरे, खड्गापुर में चंदा सिंह गौर, मलहरा में साध्वी रामसिया भारती (Sadhvi Ramsiya Bharti) और भीकनगांव से झूमा सोलंकी ने बाजी जीती है.
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