
Madhya Pradesh News: कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए ऐलान के बाद बिंध्य क्षेत्र (Vindhya Region) में मायूसी का आलम देखने को मिल रहा है. कांग्रेस की कमान पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (Kamalnath) से छीनकर युवा नेता जीतू पटवारी (Jeetu Patwari) को सौंप दी गई. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, उप नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा की गई, लेकिन रीवा और शहडोल संभाग से किसी भी चेहरे को तरजीह नहीं दी गई है. जिससे इस क्षेत्र के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में निराशा देखी जा रही है.
आला कमान के निर्णय से नाराज दिख रहे हैं इस क्षेत्र के कांग्रेसी
कांग्रेस के आलाकमान ने जो निर्णय लिया गया है, उससे विंध्य क्षेत्र के कांग्रेसी नेता खासा नाराज दिख रहे हैं. शुक्रवार देर शाम से ही उनकी प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई हैं. जिसमें कहा जा रहा है कि विंध्य क्षेत्र से अजय सिंह राहुल, कांग्रेस की पहचान है और वो सातवीं बार विधानसभा पहुंचे हैं. इसके पहले वो दो बार नेता प्रतिपक्ष जैसे पद को भी संभाल चुके हैं. लेकिन इस बार उन्हें किसी भी मुख्य पद पर नहीं बैठाया गया.
तीनों मुख्य पद विंध्य प्रदेश से बाहर
कांग्रेस के आला कमान द्वारा तीन बड़े पदों का ऐलान किया गया. तीनों मुख्य पदों में विंध्य क्षेत्र के किसी नेता का नाम नहीं है. ऐसे में 30 सीटों की राजनीति कैसे हो पाएगी? आने वाले दिनों में लोकसभा का चुनाव है ऐसे में कांग्रेसी कार्यकर्ता, पदाधिकारी खासा नाराज चल रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, उप नेता प्रतिपक्ष के पदों को विंध्य क्षेत्र से बाहर रखा गया है. जबकि यहां अजय सिंह राहुल, कमलेश्वर पटेल, राजेंद्र सिंह, राजेंद्र शर्मा ,सिद्धार्थ कुशवाहा सहित अनेकों नाम हैं, जिन्हें जिम्मेदारी दी जा सकती थी.
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विंध्य क्षेत्र में जन आक्रोश रैली का किया था नेतृत्व
विंध्य क्षेत्र में अजय सिंह राहुल ने कांग्रेस की जन आक्रोश रैली का नेतृत्व किया था. उन्होंने हजारों किलोमीटर की यात्रा, रथ के माध्यम से की थी और कांग्रेस को मजबूत बनाने की पूरी कोशिश की थी. यह अलग बात है कि पूरे प्रदेश में ही कांग्रेस का सफाया हो गया, वहीं विंध्य क्षेत्र में भी कांग्रेस को 6 सीटों से ही संतोष करना पड़ा. ऐसे में विंध्य क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में अजय सिंह राहुल की लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देनी चाहिए थी.
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