Madhya Pradesh Assembly Election: नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiradiya Scindia) ने कहा कि वो मुख्यमंत्री बनने की किसी भी दौड़ में नहीं हैं, क्योंकि वह हमेशा पार्टी के कार्यकर्ता रहे हैं और रहेंगे. वो मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के चुनावों में सम्राट विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक महान गणितज्ञ वराहमिहीर की जन्मस्थली कायथा (Kayatha) से उज्जैन (Ujjain) के सफर में एनडीटीवी के संवाददाता अनुराग द्वारी (AnuraG Dwary) के साथ थे. इस सफर के दौरान इंटरव्यू में उन्होंने ये बड़ी बात कही. इस इंटरव्यू के दौरान उन्होंने लगभग हर विषय पर बेबाकी से अपनी बात कही.
एनडीटीवी के सवालों पर उन्होंने खुलकर कही अपनी बात
जब उनसे पूछा गया कि आपके अनुसार बीजेपी (BJP) मध्य प्रदेश में कितनी सीटें जीतेगी? इस सवाल पर उन्होंने बड़ा ही सधा हुआ जवाब दिया. उन्होंने कहा, ' मुझे पूरा विश्वास है कि भाजपा अपने निरंतर विकास के ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर, व्यापक विकास के साथ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की जनता के आशीर्वाद से हम पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में वापस आएंगे.'
एंटी इनकंबेंसी पर क्या बोले सिंधिया
उनसे जब पूछा गया कि प्रदेश में एंटी इनकंबेसी का फैक्टर चुनाव को प्रभावित कर सकता है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एंटी इनकंबेंसी के दो चरित्र होते हैं. उसका पहला चरित्र होता है कि चुनाव के दरमियान भीड़ नहीं जुड़ पाती है, चुनाव के दरमियान नेता जब जाते हैं तब जनता उमड़ कर आती है .उन्होंने कहा कि इतिहास में सबसे बेहतरीन उदाहरण है 2003 का जब कांग्रेस (Congress) का सूपड़ा साफ हो गया था.
बीजेपी में नहीं है कोई नेता, मंत्री या मुख्यमंत्री
एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा, ' कांग्रेस पार्टी में गुट होते हैं, कांग्रेस पार्टी में सीएम के प्रत्याशी होते हैं. कांग्रेस पार्टी में सत्ता का लालच होता है. कांग्रेस पार्टी में सरकार बनने के पहले 8-8 मुख्यमंत्री बन जाते हैं, बीजेपी में ना कोई नेता है, ना कोई मंत्री है, ना मुख्यमंत्री है हम सब पहले कार्यकर्ता है और आखिर तक कार्यकर्ता हैं.'
ग्वालियर को जो दर्जा दिया यूनेस्को ने... ग्वालियर घराना
ग्वालियर (Gwalior) को यूनेस्को का दर्जा मिलने पर उन्होंने कहा कि ये बड़ी बात है, मैं दो-तीन साल से इस लड़ाई को लड़ रहा था कि संगीत की नगरी का दर्जा ग्वालियर को मिलना चाहिए. ये तानसेन की नगरी है, बैजू बावरा की नगरी है, ग्वालियर घराना ख्याल की नगरी है, उस्ताद अमजद अली खान उस्ताद हाफिज अली खान, पंडित लक्ष्मण राव, मीता पंडित सहित यहां पर संगीत के पुरोधा हैं, तो ऐसा तो जरूर होना चाहिए.
कोई एक गाना होगा जो आपको बहुत अच्छा लगता होगा.
"जिंदगी का सफर है, है ये कैसा सफर" जी हां उनका पसंदीदा गाना कौन सा है, इस सवाल पर यही जवाब दिया उन्होंने. राजेश खन्ना पर फिल्माए गए और किशोर कुमार की आवाज में गाए इस गाने को वो बहुत पसंद करते है. वैसे इस शानदार गाने को नापसंद करने वाला शायद ही कोई होगा.
लाडली बहना योजना को शिवराज सिंह का क्रांतिकारी फैसला बताया
आप लाडली बहना योजना के ऊपर सवाल पूछने पर सिंधिया ने इस योजना को एक क्रांति बताया और शिवराज सिंह चौहान का महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने का एक बहुत क्रांतिकारी फैसला बताया. शिवराज सिंह चौहान की कामों की तारीफ भी की.
कांग्रेस सॉफ्ट हिन्दुत्व की बात करती है, क्या ये आपकी काट है
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीजेपी अपने धर्म को अपने दिल में रखती है. उन्होंने कहा मैं मराठा हूं, मराठाओं के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज ने 500 साल पहले हिंदवी स्वराज की सोच शुरू की थी और उसे हिंदवी स्वराज के सपने को हमारे पूर्वज ने स्थापित किया था जब लालकिले पर भगवा झंडा फहराया था.
लेकिन कांग्रेस कहती है आप देते हैं दगा
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कांग्रेस मुझे जितनी भी गालियां दे, उसका स्वागत है, मुझे कोई बैर नहीं है कांग्रेस से, मुझे जितनी गाली दे, मुझे जो कुछ भी कहें. उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने कांग्रेस के लिए अपनी जान दे दी. मेरे पूज्य पिताजी कांग्रेस की रैली में जाते हुए शहीद हुए थे.
अपने कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे हैं सिंधिया
दिग्विजय या कमलनाथ से नहीं है कोई बैर
दिग्विजय सिंह का मैं आज भी सम्मान करता हूं. ना दिग्विजय सिंह जी से ना कमलनाथ से मैं कोई बैर रखता हूं, ना मेरे कोई प्रतिद्वंदी हैं. ना मेरी दुश्मनी है. मैं मध्य प्रदेश की जनता का विकास और प्रगति का रास्ता प्रशस्त करना चाहता हूं और अगर कोई उसे रास्ते में गति अवरोधक हो तो जनता को जो सच्चाई है उसे सच्चाई को जनता के सामने पेश करना मेरा फर्ज है.
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क्यों लड़ रहे हैं पीएम के चेहरे पर चुनाव ?
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस देश के सर्वश्रेष्ठ नेता है, पूरी बीजेपी एक साथ मिलकर इस चुनाव अभियान को लड़ रही है, हम आपको कैसे खुश करें? अगर एक चेहरा हो तो आप कहते हैं गुट है. सब साथ में हो तो आप कहते हैं एक चेहरा क्यों नहीं है?