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This Article is From Dec 26, 2023

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने स्वीकारा- हमसे चूक हुई, हम जनता को ग्राउंड पर नहीं ला पाए

चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस ने मध्यप्रदेश कांग्रेस की कमान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ(Kamal Nath) की जगह जीतू पटवारी (Jitu Patwari) को सौंप दी है. उन्होंने बीते 19 दिसंबर को कार्यभार संभाला है. जिसके बाद से ही वे लगातार सक्रिय दिख रहे हैं. वे अपने आक्रमक तेवरों और साफगोई के लिए जाने जाते हैं. अब उनके सामने कांग्रेस को फिर से सत्ता में वापस लाने की जिम्मेदारी है. उनकी नई जिम्मेदारी और योजनाओं को लेकर तफ्सील से बात की हमारे स्थानीय संपादक अनुराग द्वारी ने

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने स्वीकारा- हमसे चूक हुई, हम जनता को ग्राउंड पर नहीं ला पाए

चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस ने मध्यप्रदेश कांग्रेस की कमान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ(Kamal Nath) की जगह जीतू पटवारी (Jitu Patwari) को सौंप दी है. उन्होंने बीते 19 दिसंबर को कार्यभार संभाला है. जिसके बाद से ही वे लगातार सक्रिय दिख रहे हैं. वे अपने आक्रमक तेवरों और साफगोई के लिए जाने जाते हैं. अब उनके सामने कांग्रेस को फिर से सत्ता में वापस लाने की जिम्मेदारी है. उनकी नई जिम्मेदारी और योजनाओं को लेकर तफ्सील से बात की हमारे स्थानीय संपादक अनुराग द्वारी ने...

सवाल- प्रदेश कांग्रेस के लिए अब आपका आगे का रोडमैप क्या होगा ?

जवाब- कांग्रेस पार्टी कोई कमज़ोर नहीं हुई है लेकिन हमें लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ना है. पार्टी को अब 51 प्रतिशत वोट कैसे मिले, इसको लेकर हम प्रोग्रामिंग कर रहे हैं. खासकर युवाओं और महिलाओं में पैठ बढ़ानी है. हम विपक्ष में हैं लेकिन जो वचन पत्र भारतीय जनता पार्टी ने रखा है उसे पूरा करना होगा. लाड़ली बहना की बात की थी तो उन्हें पूरा पैसा देना चाहिए. शिवराज मामा तो चले गए लेकिन कांग्रेस उन बहनों के साथ खड़ी है. हम उनके भाई हैं और यदि बहन को पैसे नहीं मिलेंगे तो लड़ाई भी लड़ेंगे. इसी तरह से किसानों की बात है, युवाओं का मुद्दा है. बीजेपी ने 2 लाख नौकरियां दिलाने की बात की है...हम उस पर नजर बनाए रखेंगे. 

सवाल- MP में BJP का संगठन है जितना मज़बूत है उतना ही कांग्रेस का भी माना जाता है. चुनाव में आपका वोट प्रतिशत भी लगभग 40 फीसद रहा,लेकिन सीटें कम हो गई,क्यों? आपको क्या लगता है कि छोटे दल से गठबंधन करते तो फ़ायदा मिलता?

जवाब- इतना वोट मिलना भी BJP के अगेंस्ट हमारे विचार की जीत है. बीजेपी को जो वोट मिला है वो दूसरे का वोट प्रतिशत टूट कर मिला है. BJP की वजह से दूसरी पार्टियों को वोट क्यों नहीं मिला? ये रिसर्च का विषय है. इंडिया गठबंधन में इन सारे मुद्दों पर मंथन चल रहा है. पार्टी भी विचार कर रही हैं लेकिन वो हम अभी साझा नहीं कर सकते. 

सवाल- आपकी एक आवाज़ थी,विधानसभा में जो अब नहीं है,आप चूक गए अपनी ही सीट पर,क्या इसको लेकर विश्लेषण करेंगे ?  

जवाब- ये थोड़ा समझ से परे है. बूथ पर मैं जाता था 50 लोग मुझसे मिलते थे ,काफ़ी जनसमर्थन था.कोई माने ना माने लाड़ली बहना का असर है.BJP का बंटवारे का जो मोटिव है उन्होंने उस पर काम किया था.एक नया नैरेटिव जो देश में आया है वो चिंता की बात है.हम इन सबपर सोच-विचार कर आगे संगठन को तैयार करेंगे. 

सवाल- प्रदेश में 8 फ़ीसदी अल्पसंख्यकों की आबादी है, आपको क्यों लगता है कि बंटवारे की राजनीति हो रही है?

जवाब- बात वर्ग की नहीं कर रहा हूं मैं,यहां कट्टर राष्ट्रवाद की बात की जाती है.अलग तरीक़े से लोगों को प्रलोभन में लेते हैं ,बेरोज़गारी घर-घर की समस्या है.ये बातें सरकार से अपेक्षित हैं लेकिन कोई जवाब नहीं मिलता.हमसे चूक हो गई-हम जनता को ग्राउंड पर लेकर नहीं आ पाए.ये हमारी बड़ी चूक रही.  

सवाल- आप जातिगत जनगणना की बात करते हैं तो बीजेपी कहती है कि आप देश को तोड़ रहे हैं? 

जवाब- भारतीय जनता पार्टी का अपना एक नैरेटिव  है ,वो अलग-अलग तरह से बात कर सकती है. मैंने जैसा कहा कि हम सब इस भावना से हैं कि हमारा जो फिलहाल 40 प्रतिशत वोट शेयर है उसे 51% कैसे करें ? हम ये देखेंगे कि क्या सुधार होना चाहिए..हम उसे ही करेंगे.

सवाल- BJP ने कहा था- 31 सौ रुपये में धान की खरीद करेंगे पर कई जगहों पर ये खरीदी शुरू नहीं हुई और कुछ जगहों पर तो इस सीजन में शुरू भी नहीं हो पाएंगी. इसको  लेकर आप क्या करेंगे?

जवाब- 20 दिन हो चुके हैं चुनाव का रिजल्ट आये. इन दिनों में 3100 रुपए की कोई बात नहीं हुई. ये मोदी की गारंटी के नाम पर पहला धोखा है. मैं बार-बार आगाह कर रहा हूं कि ये  धोखे वाली सरकार है. मैं आग्रह कर रहा हूं कि जब पहली कैबिनेट की बैठक हो तो धान की ख़रीदी का ऊपर का पैसा 11 सौ रुपया किसानों के खाते में दिए जाएं. यदि ऐसा नहीं होता तो कांग्रेस अपना विपक्ष का रोल अदा करेगी. 

सवाल- एक पुराना शेर है- वो जो एक शख़्स तुमसे पहले तख़्तनशी था,उसे भी अपने खुदा होने पर इतना यक़ीन नहीं था...शिवराज को कुर्सी नहीं मिली और साथ ही उनके 12 मंत्री चुनाव हार गए. 16 मंत्री जीते भी तो उसमें से भी सिर्फ 6 वापस मंत्रिमंडल में आए. इन नए मंत्रिमंडल को आप कैसे देखते हैं? 

जवाब-डिक्टेटरशिप क्या होती है? उसका ही ये जीता जागता उदाहरण है. मुख्यमंत्री चुनने का अधिकार विधायकों का होता है लेकिन फ़रमान आता है सीएम बन जाता है...विधायकों की हां होती है. मंत्रिमंडल चुनने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है लेकिन फ़रमान आते हैं और सब हां कर देतेहैं. दोनों ही मामले में लकतांत्रिक प्रक्रिया नहीं है.क्या देश में लोकतंत्र की मर्यादा है ख़त्म हो गई है? पहले चेहरा शिवराज का था...उन्होंने लाड़ली बहना योजना दी.वे ही अब साइड लाइन हो गए हैं. मुझे इस व्यवस्था पर दुख है.ये  बताता है कि प्रदेश की लोकतांत्रिक मर्यादा की हालत चिंताजनक है.

सवाल- आपकी पार्टी में पूर्व मुख्यमंत्री चाहे कमलनाथ हों या दिग्विजय, मार्गदर्शक की भूमिका में होंगे? उनका रोल क्या होगा? 

जवाब- देखिए हमारी पार्टी मैं नहीं हम में विश्वास करती है. मैं अध्यक्ष भले हूं लेकिन हम सामूहिक नेतृत्व पर काम करते हैं. सारे सीनियर नेताओं का मार्गदर्शन रहता है. हम सारे युवाओं को साथ लेकर चलेंगे. जिसकी जैसी USP होगी वैसा उपयोग करेंगे. जीतू पटवारी अकेला इनसे लड़ने के लिए क़ाबिल नहीं है,10-15 जीतू पटवारी एक साथ आएंगे तभी बात बनेगी.  

सवाल-क्या राहुल गांधी नए साल में भोपाल आएंगे?

जवाब- उनका पूरा कार्यक्रम आएगा तभी बता पाएंगे. 
सवाल- CWC की बैठक में कहा गया कि स्थानीय नेतृत्व की वजह से हार गए? छोटे दलों से सहयोग नहीं मिला.ऐसी बातों पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?

जवाब - मैं मीटिंग में नहीं था,जो मैं होता तो जानकारी देता. 

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