Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और विपक्षी कांग्रेस (Congress) दोनों दलों में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के लिए टिकट न मिलने से नाराज नेताओं और उनके समर्थकों का विरोध सोमवार को भी जारी रहा.
राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह ने मुरैना से टिकट नहीं मिलने के बाद सोमवार को भाजपा छोड़ दी और बहुजन समाज पार्टी (BSP) में शामिल हो गए. बसपा ने उनके बेटे को इस सीट से मैदान में उतारा है. उनके करीबी सूत्रों ने दावा किया है कि 78 वर्षीय सिंह इस बात से नाराज थे कि उनकी उम्र के कारण उन्हें टिकट नहीं दिया गया, जबकि भाजपा ने पूर्व मंत्री 76 वर्षीय जयंत मलैया को दमोह से उम्मीदवार बनाया है.
कांग्रेस 229 सीटों पर उतार चुकी है उम्मीदवार
दरअसल, कांग्रेस की ओर से 88 सीटों के लिए उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी करने के बाद गुरुवार से विरोध-प्रदर्शन हो रहा है. पार्टी अब तक राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से 229 के लिए नामों की घोषणा कर दी है. बैतूल जिले में आमला सीट के लिए उम्मीदवारी अभी बाकी है.
इसलिए एक सीट पर अटका है मामला
कांग्रेस आमला से निशा बांगरे को उम्मीदवार बनाना चाहती है, लेकिन राज्य सरकार ने डिप्टी कलेक्टर का सेवा से इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया है.
भाजपा में भी जारी है विरोध
भाजपा अपनी पांचवीं सूची में 92 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर चुकी है. इसके बाद से इसे भी राज्य के विभिन्न हिस्सों में नाराज नेताओं और उनके समर्थकों का विरोध-प्रदर्शन झेलना पड़ रहा है. सत्तारूढ़ दल ने अब तक 228 सीटों के लिए नामों की घोषणा की है, जिसमें गुना और विदिशा शेष हैं.
उमाशंकर गुप्ता के समर्थक भी उतरे मैदान में
रविवार को पूर्व भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता के समर्थकों ने भोपाल में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के सामने नारे लगाए और भोपाल दक्षिण पश्चिम सीट से मैदान में उतरे पार्टी उम्मीदवार भगवानदास सबनानी को बदलने की मांग की. भोपाल दक्षिण पश्चिम से भाजपा के कई पदाधिकारियों ने राज्य इकाई प्रमुख को पत्र लिखकर गुप्ता को मैदान में उतारने की मांग की.
इस दिग्गज ने भी छोड़ा भाजपा का साथ
टीकमगढ़ से पूर्व भाजपा विधायक केके. श्रीवास्तव ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को पत्र लिखकर टिकट वितरण पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
सिंधिया के समर्थक भी नाराज
ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार माने जाने वाले भाजपा नेता मुन्नालाल गोयल के समर्थकों ने रविवार को सिंधिया परिवार के जय विलास पैलेस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. वे गोयल को टिकट नहीं दिए जाने से नाराज हैं. प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए ज्योतिरादित्य, सिंधिया पैलेस के द्वार तक पहुंचे और कहा कि वह उनके और गोयल के साथ हैं.
कांग्रेस की भी बढ़ी मुश्किलें
वहीं, शाजापुर जिले के शुजालपुर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं मांग की है कि इस विधानसभा सीट से पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार रामवीर सिंह सिकरवार के स्थान पर योगेंद्र सिंह उर्फ बंटी बना को टिकट दिया जाए. इसके साथ ही इन लोगों ने अपनी मांगो को लेकर राज्य इकाई प्रमुख कमलनाथ के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
बाहरी प्रत्याशियों का कार्यकर्ता कर रहे हैं विरोध
पिछले तीन दिनों में यह दूसरी बार है, जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सिकरवार के खिलाफ भोपाल में विरोध प्रदर्शन किया है. इस बीच, कांग्रेसी चंद्र गोपाल मलैया के समर्थकों ने हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए दो बार के भाजपा विधायक गिरिजाशंकर शर्मा के स्थान पर होशंगाबाद सीट से मलैया को टिकट दिए जाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
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कमलनाथ के खिलाफ भड़के कार्यकर्ता
बड़नगर से मौजूदा कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के समर्थकों ने मोरवाल को टिकट नहीं मिलने के बाद, कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ के भोपाल स्थित आवास के सामने विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने बड़नगर से कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र सिंह सोलंकी को बदलने की मांग की और टायरों में आग लगा दी. भोपाल के गोविंदपुरा और विदिशा के कुरवाई के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी भोपाल में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) कार्यालय पर प्रदर्शन किया.
हालांकि, दोनों ही पार्टियों ने दावा किया है कि विरोध-प्रदर्शन मामूली हैं और नेतृत्व की ओर से मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल कर लिया जाएगा. आपको बता दें कि मप्र में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव होंगे, जबकि मतगणना तीन दिसंबर को होगी.
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