
Madhya Pradesh News: मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने जबलपुर के सर्वोदय अस्पताल पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया है. एफआईआर दर्ज करने का यह आदेश गैंग्रीन केस को सड़क दुर्घटना दिखाने की कोशिश करने के मामले में दिया गया है. इसके साथ ही न्यायालय ने मुआवजे की मांग को भी निरस्त कर दिया है.
न्यायालय के साथ धोखाधड़ी करने के मामले सर्वोदय अस्पताल पर FIR दर्ज
बता दें कि सर्वोदय अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाते हुए मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) ने गैंग्रीन के एक मामले को सड़क दुर्घटना के रूप में पेश करने की कोशिश का पर्दाफाश किया है. न्यायाधीश अजय पेंदाम की अदालत ने इस कृत्य को धोखाधड़ी मानते हुए सर्वोदय अस्पताल समेत अन्य संबंधित लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया है. साथ ही कोर्ट ने मुआवजे की मांग को भी निरस्त कर दिया है.
गैंग्रीन केस को सड़क दुर्घटना दिखाने की कोशिश
दरअसल, एक मरीज गैंग्रीन से पीड़ित था और उसने दावा किया कि उसकी बीमारी एक सड़क दुर्घटना के कारण हुई थी. मरीज ने मुआवजे की बड़ी राशि की मांग की और इसके लिए सर्वोदय अस्पताल से जुड़े चिकित्सीय दस्तावेज और बिल न्यायालय के समक्ष पेश किए. इन दस्तावेजों में दावा किया गया था कि इलाज सड़क दुर्घटना के परिणामस्वरूप किया गया था.
मुआवजे की रकम हड़पने के लिए तैयार किए थे फर्जी दस्तावेज
जब न्यायालय ने इस मामले की जांच की तो पाया कि ये दस्तावेज झूठे और कूटरचित थे. जांच में यह भी स्पष्ट हो गया कि अस्पताल ने मरीज के साथ मिलकर मुआवजे की रकम हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे. न्यायाधीश ने इस कृत्य को एक सुनियोजित आपराधिक साजिश करार देते हुए इसे न्यायालय के साथ छल करने का प्रयास माना.
न्यायाधीश पेंदाम ने अपने निर्णय में कहा कि अस्पताल और अन्य संबंधित व्यक्तियों ने जानबूझकर बेईमानी से चिकित्सीय दस्तावेजों में हेरफेर किया ताकि मुआवजे की मोटी रकम हासिल की जा सके. यह कदम शुरू से ही धोखे पर आधारित था और अदालत में मिथ्या साक्ष्य प्रस्तुत कर एक संगठित अपराध को अंजाम दिया गया.
दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश
अधिकरण ने आदेश दिया है कि मामले की विस्तृत जांच की जाए और सर्वोदय अस्पताल और अन्य दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए. इसके साथ ही अदालत ने जांच एजेंसियों से इस पूरे मामले की जानकारी अदालत को देने के निर्देश दिए हैं.