
Diwali, Deepawali 2024 Kab Hai: हिंदू धर्म के सबसे बड़े पर्व में से एक दीपावली (Deepawali 2024) जिसे दिवाली (Diwali 2024) के नाम से भी जाना जाता है. इसे रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली हर साल कार्तिक महीने के अमावस्या तिथि को मनाया जाता है.
जानें दिवाली का खास महत्व
दिवाली का त्योहार (Diwali Festival) भगवान राम, उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के 14 साल के वनवास में बिताने के बाद अयोध्या लौटने का प्रतीक है. साथ ही इस दिन धन और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी का जन्म ब्रह्मांडीय महासागर के मंथन के दौरान हुआ था. इसलिए दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है.
ऐसे में यहां आइए जानते हैं इस साल कब दिवाली पड़ रहा है. साथ ही शुभ मुहूर्त से लेकर पूजा विधि तक यहां जानते हैं.
कब है दिवाली 2024? (Diwali 2024 Date)
दिवाली कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. साल 2024 में अमावस्या तिथि का आरंभ 31 अक्टूबर, 2024 को दोपहर 03:52 बजे पर शुरू हो रहा है जो 1 नवंबर, 2024 को शाम 6:16 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार, रोशनी का त्योहार शुक्रवार, 1 नवंबर, 2024 को मनाया जाएगा.
दिवाली 2024 शुभ मुहूर्त (Diwali 2024 Shubh Muhurat)
द्रिकपंचांग के अनुसार, लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे शुभ समय शाम 5:36 बजे से शाम 6:16 बजे के बीच है.
प्रदोष काल: शाम 05:36 बजे से रात 08:11 बजे तक
वृषभ काल: शाम 06:20 बजे से रात 08:15 बजे तक
यहां जानें धरतेरस से भाई दूज तक की सही तारीख
दिवाली का पहला दिन- 29 अक्टूबर, 2024- धनतेरस
दिवाली का दूसरा दिन- 31 अक्तूबर, 2024- छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी
दिवाली का तीसरा दिन- 1 नवंबर, 2024- लक्ष्मी पूजा
दिवाली का चौथा दिन- 2 नवंबर, 2024- गोवर्धन पूजा
दिवाली का पांचवा दिन- 3 नवंबर, 2024- भाई दूज
दिवाली पर कैसे करें मां लक्ष्मी की पूजा? (Diwali 2024 Puja Vidhi)
1. दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा के लिए सबसे पहले पूर्व दिशा या ईशान कोण में एक चौकी रखें.
2. अब चौकी पर लाल या गुलाबी वस्त्र बिछाएं.
3. सबसे पहले गणेश जी की मूर्ति रखें.
4. फिर उनके दाहिने और लक्ष्मी जी को रखें.
5. अब आसन पर बैठें और अपने चारों और गंगाजल छिड़क लें.
6. इसके बाद संकल्प लें और फिर पूजा आरंभ करें.
7. गणेश भगवान को रोली, दूर्वा चढ़ाएं और माता लक्ष्मी को सिंदूर चढ़ाएं. इसके बाद फूल अर्पित करें.
8. एक मुखी घी का दीपक जलाएं.
9. फिर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को प्रसाद अर्पित करें.
10. इसके बाद भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें.
11. आखिर में आरती करें और शंख बजाएं.
मां लक्ष्मी की पूजा करने के बाद घर के अलग-अलग हिस्सों में दीपक रखें. घर के अलावा कुएं के पास और मंदिर में भी दीपक जलाएं.