Lok Sabha Elections 2024 Results: "मैं नेता और आप जनता नहीं हैं, हम सब एक परिवार है. आपसे ही मेरा अस्तित्व है और मैंने पूरे हिंदुस्तान में आपकी पहचान बनाने की कोशिश की है. मेरे लिए जनता की सेवा ही भगवान की पूजा है. यहां रहकर मैंने आप लोगों की एक-एक तकलीफ दूर करने की कोशिश की है. पूरे प्रदेश के लिए दिन और रात मैंने जी और जान से काम किया. कभी किसी का दिल नहीं दुखाया." ये पंक्तियां पांव-पांव वाले भैया के नाम से मशहूर मध्य प्रदेश के बच्चों के मामा और पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister of Madhya Pradesh) शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की हैं. विदिशा लोकसभा सीट (Vidisha Lok Sabha Seat) से 2024 का लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) भारतीय जनता पार्टी (BJP Candidate) शिवराज सिंह चौहान लड़ रहे थे, वे छठवीं बार विदिशा लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे. इस बार शिवराज का मुकाबला कांग्रेस के उन्हीं प्रत्याशी (Congress Candidate) प्रताप भानु शर्मा (Pratap Bhanu Sharma) से था जिन्हें मामा ने अपने पहले चुनाव में हराया था. अब एक बार फिर अपने 6वें लोकसभा चुनाव में शिवराज ने प्रताप भानु को हरा दिया है. इस बार यहां से शिवराज सिंह के चेहरे पर बीजेपी को 1116460 वोट मिले हैं. जबकि कांग्रेस कैंडिडेट को 295052 से ज्यादा मत प्राप्त हुए हैं. विदिशा संसदीय क्षेत्र से शिवराज सिंह चौहान 821408 मतों से विजयी हुए हैं. देश में सर्वाधिक वोट से जीतने वाले नेताओं में शिवराज सिंह चौहान एक हैं.
विदिशा सीट के पिछले चुनावी परिणाम ऐसे थे
विदिशा ने PM, CM और विदेश मंत्री दिया
इस सीट से जीतने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी PM बने, तो सुषमा स्वराज विदेश मंत्री और शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री. 2019 में बीजेपी के रमाकांत भार्गव यहां से सांसद बने थे.
इन आठ विधानसभाओं से मिलकर बनी है विदिशा लोकसभा सीट
विदिशा संसदीय क्षेत्र में आठ विधानसभा आती हैं. इनमें भोजपुर, सांची, सिलवानी, विदिशा, बासोदा, बुदनी, इछावर और खातेगांव विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. इन आठ विधानसभाओं में से सात सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, जबकि एक मात्र सिलवानी सीट कांग्रेस के हिस्से में है. देवेन्द्र पटेल सिलवानी से कांग्रेस के विधायक हैं.
ऐसा रहा है विदिशा लोकसभा का सियासी सफर
विदिशा लोकसभा सीट के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो 1967 यहां पहला चुनाव हुआ था. पहले चुनाव में भारतीय जनसंघ पार्टी से शिव शर्मा ने यहां चुनाव जीता था. उसके बाद 1971 में जनसंघ के टिकट पर रामनाथ गोयनका ने जीत का स्वाद चखा गोयनका इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के संस्थापक भी थे. 1980 के चुनाव में यहां कांग्रेस का खाता खुला था तब इंदिरा कांग्रेस के प्रतापभानु कृष्णगोपाल ने जीत दर्ज की थी. लेकिन 1989 में राघवजी ने यहां फिर से BJP का कमल खिलाया और उसके बाद से लेकर अब तक यह सीट BJP के पाले में ही रही है. 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी यहां से जीते लेकिन उन्होंने इस सीट को छोड़ दिया. तब उन्होंने शिवराज सिंह चौहान का नाम आगे बढ़ाया और बीजेपी ने यहां से शिवराज को मैदान में उतार दिया. जिसके बाद तो शिवराज ने लगातार पांच बार भारतीय संसद में विदिशा लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया. अब एक बार फिर विदिशा में BJP और फिर शिवराज का कब्जा हो गया है.
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