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10वीं शताब्दी के ऐतिहासिक धरोहर की हालत खराब! कैसी है लांजी किले की हालत, बालाघाट का है टूरिस्ट डेस्टिनेशन

Lanji ka kila Balaghat: बालाघाट के लांजी में मौजूद ऐतिहासिक स्थल न केवल इतिहास प्रेमियों बल्कि आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक शोधकर्ताओं के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. विशेष रूप से नवरात्रि, गणेश चतुर्थी एवं अन्य धार्मिक अवसरों पर यहां विशेष आयोजन होते हैं, जो इस स्थल के धार्मिक महत्व को और भी बढ़ाते हैं. लेकिन इस समय इनकी हालत दयनीय है.

10वीं शताब्दी के ऐतिहासिक धरोहर की हालत खराब! कैसी है लांजी किले की हालत, बालाघाट का है टूरिस्ट डेस्टिनेशन
Lanji Fort MP: लांजी का किला बालाघाट

Lanji ka kila Balaghat: मध्य प्रदेश के बालाघाट (Balaghat) जिले के लांजी तहसील में स्थित लांजी किला (Lanji Fort) एवं महामाया विष्णु गणेश मंदिर एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक स्थल है. यह किला और मंदिर, दोनों ही इस क्षेत्र की समृद्ध ऐतिहासिक और धार्मिक परंपरा का प्रमाण हैं और पर्यटकों व शोधकर्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. किले के निकट ही 52 तालाब भी थे, लेकिन इस समय ये क्षतिग्रस्त हैं. इन पर अतिक्रमण हो चुके हैं. किले परिसर में एक सुरंग भी थी, जो नागपुर में भौंसले के महल के पास निकलती थी, दूसरी सुरंग हट्टा बावली में निकलती थी, कालांतर में ये सुरंग बन्द कर दी गई हैं. किले परिसर में ही संग्रहालय बनाया गया है, जहां गणेश, नंदी, तीर्थंकर नाथ, शिव-पार्वती, यक्षिणी आदि दुर्लभ अवशेष विधमान है, जिसे पिलर के ऊपर व्यवस्थित रुप से रखा जाना है, काल निर्धारण किया जाना और पर्यटकों के खोला जाना है.

क्या है इस किले की कहानी?

लांजी का किला मध्यकालीन भारतीय स्थापत्य कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. इसे कल्चुरी शासकों द्वारा बनवाया गया था और यह उस युग की सैन्य रणनीति, सुरक्षा व्यवस्था और कला के अद्भुत मिश्रण को दर्शाता है. किले की विशाल दीवारें, गुप्त सुरंगें और भव्य प्रवेश द्वार इसकी भव्यता को प्रकट करते हैं. हय वंशी (कलचुरी) राजा द्वारा 10वीं-11वीं शताब्दी में बनाया गया था. यहाँ सत्ता परिवर्तन दौरान गौंड़ काल, मुस्लिम काल, मराठा, भौंसले, अंग्रेजों का आधिपत्य रहा है.

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दुर्दशा की राह देखता किला

अंग्रेज सरकार ने 1914 में इसे संरक्षित किया था. वर्तमान में यह किला केन्द्र सरकार के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण भोपाल-जबलपुर मण्डल के अधीनस्थ है, लेकिन इसके जीर्णोद्धार के लिए पर्याप्त आवंटन प्राप्त नहीं हो रहा है, जिसके कारण किला परिसर क्षतिग्रस्त होते जा रहा है, मात्र इसके देख रेख करने वाले कर्मचारियों के लिए ही वेतन का इंतजाम हो पा रहा है.

यह किला आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. जहां देखो वहां टूट-फूट और अव्यवस्था है. मात्र रिपेयर का ही काम कर दिया जाए तो इसकी शोभा देखने लायक होगी जहां-देखो गंदगी और अव्यवस्था दिखाई पड़ती है. घूमने वाले तो कम नशा करने वाले इस क्षेत्र में ज्यादा दिखाई पड़ रहे हैं.

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