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RTE : छत्तीसगढ़ की स्कूलों में ऑनलाइन आरटीई आवेदन की आखिरी नजदीक, इस बार ऐसा है शेड्यूल

RTE Portal Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में RTE के तहत सत्र 2025-26 के लिए छात्र पंजीयन का कार्य प्रारंभ हो चुका है. अब तक प्रदेश में 13800 से ज्यादा आवेदन हो चुके हैं. आखिरी तारीख से पहले आवेदन करने के लिए सलाह दी गई है.

RTE : छत्तीसगढ़ की स्कूलों में ऑनलाइन आरटीई आवेदन की आखिरी नजदीक, इस बार ऐसा है शेड्यूल
RTE Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में आरटीई के द्वारा स्कूलों में प्रवेश

Right to Education Chhattisgarh: निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम या शिक्षा अधिकार अधिनियम (Right to Education) के अंतर्गत वर्ष 2025 के लिए छत्तीसगढ़ में संचालित निजी विद्यालयों (Private School) में आरटीई (RTE) पोर्टल (RTE Portal) के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन, भर्ती की कार्यवाही शुरू हो गई है. प्रदेश के 33 जिलों के 6746 स्कूलों में आवेदन होने हैं. बालौदाबाजार में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सत्र 2025-26 के तहत आरटीई के अंतर्गत जिले की 219 निजी स्कूलों के कुल 2105 सीटों पर निःशुल्क प्रथम चरण में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन 31 मार्च 2025 तक मंगाए गए हैं.

कैसी है प्रक्रिया?

पात्र व योग्यताधारी बच्चों का ही प्रवेश हो एवं प्रवेश की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने हेतु पोर्टल में आवश्यक सुधार किया गया है. ऑनलाइन आवेदन हेतु वेबसाइट rte.cg.nic.in में जाकर आवेदन कर सकते है. इस संबंध में अन्य विकल्प के रूप में संस्था, नोडल अधिकारी एवं च्वाइंस सेन्टर के माध्यम से भी आवेदन कर सकते है. ऑनलाइन आवेदन के साथ बच्चे का पासपोर्ट साईज फोटो सहित संलग्न दस्तावेज को अपलोड करना अनिवार्य है. जैसे- बीपीएल सर्वे सूची, अंत्योदय कार्ड, आर्थिक-सामाजिक जनगणना सर्वे सूची 2011 के साथ ईडब्ल्यूएस (EWS) कार्ड को भी मान्य किया जायेगा.

RTE Chhattisgarh: इस बार ऐसा है शेड्यूल

RTE Chhattisgarh: इस बार ऐसा है शेड्यूल
Photo Credit: Ajay Kumar Patel

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शिक्षा का अधिकार क्या है?

भारतीय संविधान में शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है और केंद्र व राज्य दोनों इस विषय पर कानून बना सकते हैं. 2009 में शिक्षा का अधिकार (RTE) कानून पारित हुआ और 2010 में इसके लागू होने के साथ ही शिक्षा देश में हर बच्चे का हक बन गई या कहें कि हर बच्चे का मौलिक अधिकार बन गई. इस कानून में अन्य बातों के अलावा यह व्यवस्था भी की गई थी कि सभी निजी स्कूल अपनी कुल सीटों का एक-चौथाई EWS यानी आर्थिक रूप से कमज़ोर बच्चों के लिये आरक्षित रखेंगे. 2017 में इस कानून में एक संशोधन कर 2019 तक सभी शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया. इसका उद्देश्य शिक्षा की  गुणवत्ता में सुधार करना है.

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