Jabalpur Shaurya Yatra: जबलपुर में वर्ष 1993 से लगातार निकाली जा रही विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल सहित अन्य हिंदू संगठनों की शौर्य यात्रा इस साल भी निकाली गई, लेकिन इस बार यात्रा को लेकर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए. मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों से पैदल यात्रा निकालने पर पुलिस ने रोक लगाई. हालांकि जिला प्रशासन ने वाहनों के माध्यम से शौर्य यात्रा निकालने की अनुमति दे दी.
अनुमति मिलने के बाद बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक किशन प्रजापत राइट टाउन स्थित विश्व हिंदू परिषद कार्यालय से खुली जीप में सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ रवाना हुए. उनके काफिले में 50 से अधिक वाहन शामिल रहे, जिनमें विभाग संयोजक सहित विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सवार थे. यात्रा के दौरान कार्यकर्ता जय श्रीराम के जयघोष करते हुए शहर भ्रमण पर निकले.
धर्मांतरण विरोधी कानून काफी सराहनीय कदम
राष्ट्रीय संयोजक किशन प्रजापत ने कहा कि धर्मांतरण अपने आप में एक बड़ा संकट है. उन्होंने कहा कि सरकार इस विषय को गंभीरता से लेते हुए धर्मांतरण विरोधी कानून ला रही है, जो सराहनीय कदम है. उन्होंने मांग की कि जो लोग धर्मांतरण कर चुके हैं और अब भी विभिन्न समुदायों के आरक्षण और सरकारी सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं, उनके लाभ रोके जाएं. साथ ही धर्मांतरण कराने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
किशन प्रजापत ने बांग्लादेश की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि वहां की सरकार गिराए जाने के बाद इस्लामी कट्टरपंथी ताकतों को खुली छूट मिल गई है. उनका आरोप है कि वहां हिंदुओं पर हमले किए जा रहे हैं और जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विभाजन के समय पाकिस्तान में जिस तरह हिंदुओं पर अत्याचार हुआ, अब वैसी ही स्थिति बांग्लादेश में बन रही है, जो बेहद निंदनीय है.
भय का माहौल बनाया जा रहा- किशन प्रजापत
उन्होंने कहा कि संपूर्ण विश्व मूकदर्शक बना हुआ है, जबकि वहां हिंदुओं को घरों से निकालकर प्रताड़ित किया जा रहा है और भय का माहौल बनाया जा रहा है.
बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक ने केंद्र सरकार से मांग की कि बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू समाज की सुरक्षा के लिए तत्काल ठोस कदम उठाए जाएं. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़े तो व्यापारिक संबंध समाप्त किए जाएं, प्रतिबंध लगाए जाएं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाया जाए. उन्हें उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस मामले में कठोर और प्रभावी निर्णय लेगी.
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