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Kheoni Wildlife Sanctuary: सीहोर-देवास में 1500 हेक्टेयर जंगल एरिया को शामिल करने का बना प्रस्ताव, बढ़ाई जाएगी खिवनी अभयारण्य की सीमाएं

Sehore News: सीहोर-देवास वन अधिकारियों ने एक खास बैठक की है. इसमें प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है और अब अनुमोदन का इंतजार हो रहा है. दोनों जिले की सीमा पर बसे खिवनी अभयारण्य की सीमा को पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत किया जा रहा है. आइए आपको इसके बारे में अधिक जानकारी देते हैं.

Kheoni Wildlife Sanctuary: सीहोर-देवास में 1500 हेक्टेयर जंगल एरिया को शामिल करने का बना प्रस्ताव, बढ़ाई जाएगी खिवनी अभयारण्य की सीमाएं
खिवनी वाइल्डलाइफ सेंचुरी का बढ़ाया जाएगा क्षेत्रफल

MP News in Hindi: प्राकृतिक सौंदर्य और विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों से परिपूर्ण मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खिवनी अभयारण्य (Kheoni Wildlife Sanctuary) की सीमाओं का विस्तार होने जा रहा है. टूरिज्म को बढ़ावा देने के नजरिए से यह फैसला लिया है. वन विभाग के अफसरों ने प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है. सीहोर और देवास (Sehore and Dewas) जिले के वन विभाग के अधिकारियों ने इस संबंध में बैठक आयोजित की और अभयारण के क्षेत्रफल विस्तार को लेकर चर्चा की. प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए भोपाल वन कार्यालय भेजा जाना है. स्वीकृति के बाद कार्ययोजना को जमीन पर उतारा जाएगा.

बढ़ाई जाएगी खिवनी अभयारण्य की जमीन

बढ़ाई जाएगी खिवनी अभयारण्य की जमीन

क्यों खास है खिवनी वाइल्डलाइफ सेंचुरी

सीहोर और देवास जिलों के बीच खिवनी वन्य जीव अभयारण्य स्थित हैं. यहां कई अलग-अलग तरह के वन्यजीवों, पक्षियों और तितलियों की कई प्रजातियां हैं. पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अब खिवनी वाइल्डलाइफ सेंचूरी के विस्तार की कार्ययोजना बनाई गई है. इसमें सीहोर और देवास क्षेत्र में आने वाले जंगल एरिया यहां शामिल किए जाने का खाका तैयार किया गया है. अभयारण में 1500 हेक्टेयर जंगल क्षेत्र का विस्तार का प्रस्ताव बनाया गया है.

सेंचूरी से सटे हुए जंगल इसमें शामिल किए जाएंगे, जिससे यहां के प्रबंधन में समस्या न हो. सीहोर जिले के आष्टा और इछावर जंगल क्षेत्र में 800 से 1200 हेक्टेयर एरिया शामिल किए जाने का विचार प्रस्ताव में लिया गया है. वर्तमान में सीहोर जिले का 4000 हेक्टेयर जंगल एरिया अभयारण में शामिल है.

इन वन्य जीवों का है घर

खिवनी वन अभयारण्य वर्तमान में 134 वर्ग किमी में सीहोर और देवास जिलों में फैला हुआ है. सीहोर जिले इछावर तहसील के ग्राम दौलतपुर, रुपादा और गादिया के जंगल के साथ ही आष्टा तहसील के ग्राम सिंगारचोली व सियाघाट इसमें शामिल हैं. यहां पर राजकीय राजपक्षी दूधराज भी पाया जाता है. जबकि, वन्य जीवों की बात करें तो बाघ, तेंदूआ, भालू, सियार, लकडबघ्घे, चितल, सांभर, चौसिंगा, नीलगाय, पोंगोलिन, हनीवेजर सहित अनेकों वन्य जीव मिलते हैं. इसके साथ ही अभयारण में पक्षीयों की 155 प्रजातियां हैं. खास बात यह है कि यहां तितलियों 55 प्रकार की प्रजातियां हैं.

भारत सरकार ने घोषित किया इको सेंसेटिव जोन

अभयारण्य को भारत सरकार ने इको सेंसेटिव जोन भी घोषित किया हुआ है. यहां पर वनों की कई प्रकार की प्रजातियां है. सागौन बहुतायात हैं उपलब्ध है. भोपाल और सीहोर की और से आने वाले पर्यटकों की सहूलियत को दृष्टिगत रखते हुए दौलतपुर गेट का भी शुभारंभ किया गया है.

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अभयारण्य के रेंजर ने दी जानकारी 

इस सबंध में खिवनी अभयारण के रेंजर भीम सिंह सिसोदिया बताते हैं कि  अभयारण के विस्तार को लेकर स्थान चिन्हित कर लिए गए हैं. सीहोर देवास जिले के वन अफसरों की बैठक भी हो चुकी है. प्रादेशिक कार्यालय में प्रस्ताव अनुमोदन के लिए भेजा जाना है. सेंचूरी से सटा एरिया शामिल किया जाएगा.

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