
मध्य प्रदेश के उज्जैन में हर पर्व की तरह जन्माष्टमी (Janmashtami) की शुरूआत भी शुक्रवार को विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर के दरबार से हुई. यहां तड़के भस्मारती हुई. इसके बाद बाबा महाकाल का श्रीकृष्ण स्वरूप में श्रृंगार (Makeup in form of Shri Krishna) किया गया. एक साथ हरि और हर के दर्शन कर दर्शनार्थी मंत्रमुग्ध हो गए.
भगवान कृष्ण का उज्जैन से गहरा नाता
भगवान श्री कृष्ण का उज्जैन से गहरा नाता रहा है. यहां उनकी शिक्षा स्थली के साथ बुआ का घर और ससुराल भी माना जाता है. इसलिए यहां जन्माष्टमी के मौके पर विशेष आयोजन होता है और बड़े उल्लास के साथ कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है.
वैष्णव तिलक के साथ मोर पंख लगाकर किया गया श्रृंगार
आज खास मौके पर महाकाल मंदिर के नंदी हाल को आकर्षक रूप से सजाया गया. वहीं शनिवार तड़के भस्म आरती हुई. इसके बाद बाबा का भांग से श्री कृष्ण भगवान का स्वरूप वैष्णव तिलक मोर पंख लगाकर श्रृंगार किया गया. हर को हरी के रूप में देख श्रद्धालु भाव विभोर हो गए. इस मौके पर भक्त महाकाल के साथ कृष्ण जी के जयकारे लगाते नजर आए.
ऐसे किया गया बाबा का श्री कृष्ण स्वरूप श्रृंगार
परंपरानुसार, रात तीन बजे महाकाल मंदिर के कपाट खोले गए. फिर पुजारी ने वीरभद्र जी के कान में स्वस्ति वाचन कर घंटी बजाई. भगवान से आज्ञा लेकर सभा मंडप स्थित चांदी का पट खोलने के बाद गर्भगृह के पट खोले. यहां बाबा महाकाल का श्रृंगार उतार हरिओम का जल अर्पित किया गया. कपूर आरती कर भगवान के मस्तक बाबा महाकाल को रुद्राक्ष की माला भस्म अर्पित किया गया. इसके बाद भगवान महाकाल को ड्रायफ्रूट के साथ पंचामृत पूजन किया गया. कर्पूर आरती के साथ दूध,दही, घी, शक़्कर शहद फलों के रस से बनाए पंचामृत से अभिषेक कर आभूषण तिलक अर्पित किया. फिर महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से बाबा महाकाल को भस्म चढ़ाने के बाद उनका श्री कृष्ण स्वरूप में श्रृंगार किया गया.