MP में धनकुबेर हैं 'कान्हा', कृष्ण जन्माष्टमी पर 100 करोड़ के आभूषण से तैयार होंगे राधा-कृष्ण, बजाएंगे सोने की बांसुरी

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जन्माष्टमी के मौके पर पूरा देश कृष्ण की भक्ति के रंग में रंगा हुआ है. 

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मध्य प्रदेश के ग्वालियर के फूलबाग स्थित प्राचीन 'गोपाल मंदिर' में भी धूमधाम से जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है. 

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इस खास मौके पर यहां राधा-कृष्ण को बेशकीमती सोने के आभूषणों से विशेष श्रृंगार किया जाएगा, जिसकी कीमत 100 करोड़ रुपये से अधिक है.


आभूषणों में हीरे से जड़ित स्वर्ण मुकुट, पन्ना और सोने  की सात लड़ी का हार, सोने की बांसुरी, हीरे जड़े हुए कंगन, 249 मोतियों की माला और चांदी का विशाल छत्र शामिल है. 

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आभूषणों में कृष्ण जी के लिए सोने का मुकुट है. इसमें पुखराज-मणिक जड़ित है और बीच में पन्ना लगा हुआ है. वहीं राधा जी के लिए तीन किलो वजन का मुकुट है.

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मुकुट में 16 ग्राम का पन्ना लगा हुआ है.

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राधा रानी के लिए सोने की नथ है. वहीं राधा-कृष्ण को सफेद मोती वाला पंचगढ़ी हार पहनाया जाता है.

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इसके अलावा 7 लड़ी की हार है, जिसमें 62 मोती और 55 पन्ने लगे हुए हैं. 


राधा-कृष्ण को भोजन के लिए सोने और चांदी के प्रचीन बर्तन है. 

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 जन्माष्टमी के दिन  16 अगस्त को सुबह 10 बजे सेंट्रल बैंक के लॉकर से इन बहुमूल्य आभूषणों को कड़ी सुरक्षा के बीच गोपाल मंदिर लाया जाएगा.

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 वीडियो ग्राफी के साथ भगवान का श्रृंगार किया जाएगा.

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इस खास मौके पर पूरे मंदिर परिसर में लगभग 500 से अधिक पुलिस के जवान और अधिकारी सुरक्षा में तैनात रहेंगे. 

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इसके अलावा पूरे मंदिर परिसर की CCTV से भी निगरानी की जाएगी.

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आज दोपहर लगभग 12 बजे राधा कृष्ण के श्रृंगार के बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे. 

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बता दें कि इस गोपाल मंदिर का निर्माण सिंधिया राजवंश के तत्कालीन महाराजा माधव राव प्रथम ने साल 1921 में करवाया था.

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उसी दौरान भगवान के श्रंगार के लिए बहुमूल्य आभूषण बनवाए गए थे.

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देश आजाद होने से पहले तक राधा-कृष्ण हमेशा सोने के आभूषण धारण किए हुए रहते थे.


हालांकि आजादी के बाद सुरक्षा कारणों से इन आभूषणों को बैंक के लॉकर में सुरक्षित रखवा दिया गया था.

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