Crime News: जबलपुर (Jabalpur) में 2 साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में संदेहपरक विवेचना करने पर विशेष अदालत ने पुलिस जांच के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की. दरअसल, पुलिस की जांच इस मामले में यह साबित करने में नाकाम रही कि 3 आरोपियों ने ही बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या की थी, जिस पर विशेष अदालत ने कहा कि सही अपराधी का न पकड़ा जाना न्याय की हानि है. कोर्ट ने आगे कहा कि विवेचक ने उचित विवेचना नहीं की, इसकी वजह से न्यायालय विवश है कि वह छोटी बच्ची के साथ हुए अपराध के वास्तविक दोषियों को दंडित नहीं कर सका और न ही उस बच्ची को न्याय दिला सका.
यह है मामला
दरअसल, सितंबर 2020 में शहपुरा थाना इलाके में एक दो साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या की गई थी. पुलिस ने इस मामले में शुभम उर्फ बच्चू मल्लाह और सोनू गौड़ ठाकुर को आरोपी बनाया था, लेकिन कोर्ट में यह प्रमाणित नहीं हो सका कि जघन्य श्रेणी का यह अपराध इन्हीं आरोपियों ने किया था. संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया.
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ये आदेश भी पारित
कोर्ट ने पीड़ित बच्ची के माता-पिता को 2 लाख रुपए की प्रतिकर राशि देने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि पीड़ित मासूम दुनिया में नहीं रही, जिसके चलते उसके पुनर्वास का बिंदु बेमानी हो गया है, लेकिन बच्ची के माता-पिता ने अपनी बेटी को खोया था. इसलिए संभावित मानसिक और शारीरिक आघात की प्रतिपूर्ति के लिए 2 लाख रुपए की प्रतिकर राशि दिए जाने का आदेश अदालत ने दिया.
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