Madhya Pradesh High Court on Hit and Run Case : मध्यप्रदेश हाई कोर्ट (MP High Court) में बीते दिन सबसे ज्यादा चर्चित मामला पूरे प्रदेश में हिट एंड रन मामले को लेकर चल रही ड्राइवरों की हड़ताल (Truck Driver Strike) का रहा. हिट एंड रन के नए कानून (New Hit and Run Law) के खिलाफ चौपट हो चुकी परिवहन व्यवस्था के चलते अदालत में दो जनहित याचिकाएं लगाई गई थीं. शीतकालीन अवकाश के बाद सबसे पहले इन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश (High Court Chief Justice) रवि मलिमठ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से खुद महाधिवक्ता प्रशांत सिंह हाजिर रहे. हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि तत्काल हड़ताल खत्म कराई जाए.
सरकार की ओर से क्या कहा गया?
वहीं महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने सरकार की ओर से अंडरटेकिंग देते हुए बताया कि यह विषय आवश्यक वस्तु अधिनियम से संबंधित है, जिसमें शासन तत्काल कार्यवाही करेगा.
वाहन चालक संगठनों पर भी करेंगे कार्रवाई
महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि खाद्य सामग्री, बस एवं पेट्रोल पदार्थ अपने गंतव्य तक पहुंचे एवं सुनिश्चित ढंग से बिना लॉ एण्ड ऑर्डर सिचूऐशन के उसे निरंतर जारी रखा जा सके. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि मामला व्यापक जनहित से जुड़ा है, जिस पर आज ही कार्रवाई हो. कोर्ट की बात पर महाधिवक्ता की ओर से कहा गया कि आज हड़ताल कर रहे वाहन चालक संगठनों पर कार्रवाई कर दी जाएगी.
याचिका में क्या कहा गया?
यह जनहित याचिका समाजसेवी अखिलेश त्रिपाठी और नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ.पीजी नाजपांडे की ओर से दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि नये कानून को लेकर ट्रक ऑपरेटर सहित अन्य चालकों ने हड़ताल कर दी है. यदि इस हड़ताल को असंवैधानिक घोषित नहीं किया गया तो स्थिति बिगड़ जायेगी. हड़ताल के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई नहीं हो पा रहीं है.
कड़े कदम भी उठाए जाएंगे
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने कहा कि सरकार नागरिकों को किसी भी असुविधा से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है. हड़ताल खत्म कराने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत पड़ी तो वे भी उठाए जाएंगे.
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