
MP High Court on Criminal Courts: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच ने अहम निर्देश जारी किया है. कोर्ट ने एक अहम कदम उठाते हुए सभी क्रिमिनल कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग पर फिलहाल रोक लगा दी है. यह फैसला न्यायालय की कार्रवाई के वीडियो के दुरुपयोग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान लिया गया. मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए इस मामले को बेहद गंभीर माना.
हाईकोर्ट के इन अधिकारियों से मांगा गया जवाब
अदालत ने हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, रजिस्ट्रार आईटी, यूट्यूब, मेटा, यूट्यूब के शिकायत अधिकारी सूरज राव और मेटा की शिकायत अधिकारी अमृता कौशिक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को तय की गई है.
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क्या है पूरा मामला?
जबलपुर के अधिवक्ता अरिहंत तिवारी और विदित शाह की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग के वीडियो को यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर मीम्स व शॉर्ट्स में बदलकर अपलोड किया जाता है. इस दौरान अक्सर न्यायाधीशों के वक्तव्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है, जिससे न्यायपालिका की गरिमा प्रभावित होती है और यह अवमानना की श्रेणी में आता है.
याचिका में यह भी सुझाव दिया गया कि यूट्यूब की जगह वेबेक्स आधारित प्लेटफॉर्म के माध्यम से लाइव स्ट्रीमिंग की जाए, क्योंकि यह अपेक्षाकृत सुरक्षित विकल्प है. साथ ही, रजिस्ट्रार आईटी को इस पूरी प्रक्रिया पर निगरानी रखने और नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग भी की गई.
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