जबलपुर महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होते ही शहर में राजनीतिक बवाल हो गया. महापौर जगत बहादुर सिंह के अचानक से लिए गए फैसले से राजनीतिक पंडित भी अचंभित है. बीते दिन राजनीतिक कार्यक्रमों में मसरूफ जगत बहादुर सिंह अन्नू को देखकर कोई कह नहीं सकता था कि अगले दिन ही वो अपना पाला बदल लेंगे और BJP में शामिल का दामन थाम लेंगे. इसके बाद जब बुधवार को उन्होंने BJP की सदस्यता ली तो कांग्रेस पार्टी में बवाल मच गया. महापौर के पाला बदलने के बाद महापौर परिषद के सदस्य भड़क उठे. इसके बाद महापौर मंत्री परिषद् के सदस्य MIC का परिषद भंग होने से ख़ासे नाराज़ हो गए. इसी कड़ी में दस MIC मेंबर्स मे से आठ सदस्यों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
"बहादुर नाम रख लेने से कोई बहादुर नहीं हो जाता" - कांग्रेस
महापौर अन्नू की फोटो पर झाड़ू मार कर नाराजगी का इजहार किया. कांग्रेस के प्रवक्ता अयोध्या तिवारी ने कहा कि कांग्रेस के नगर अध्यक्ष और महापौर का यह कृत्य कभी जनता माफ नहीं करेगी क्योंकि उन्होंने पंजे की दम पर चुनाव लड़ा था. यदि उनमें हिम्मत है तो वह महापौर पद से इस्तीफा दें और नया चुनाव भाजपा के चुनाव चिन्ह पर जीत कर दिखाएं. उन्होंने इस कदम को पार्टी के साथ गद्दारी बताया.
किसी को कानोंकान नहीं हुई खबर, महापौर के फैसले ने सभी को चौंकाया
BJP अध्यक्ष व पूर्व महापौर प्रभात साहू ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि अभी और भी नेता भारतीय जनता पार्टी जॉइन करेंगे. प्रभात साहू ने बताया कि दल-बदल करने के बाद भी महापौर और पार्षदों के चुनाव नहीं होते, जो महापौर परिषद होती है उसे भंग कर दिया जाता है और अब नई महापौर परिषद का गठन किया जाएगा. मिली जानकारी के मुताबिक. अन्नू के BJP में शामिल होने का रास्ता RSS ने तैयार किया, सब कुछ दिल्ली से तय हुआ. स्थानीय नेताओं को इसकी भनक भी नहीं लगी. कुछ बड़े नेता इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रहे है लेकिन जानकर बता रहे है कि BJP के किसी भी नेता को कुछ नहीं मालूम था.
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