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हरदा हादसा: प्रशासन है गुनहगार! 11 गड़बड़ियां मिलने के बावजूद क्यों बनने दिए पटाखे?

MP Harda Factory Fire News: पटाखे एक खास कमरे में बनाए जाएंगे, जिसकी भंडारण की जगह से दूरी कम से कम 45 मीटर होनी चाहिए. लेकिन हरदा में पटाखा निर्माण, कमरा, स्टोरेज, सब एक ही बिल्डिंग में था.

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हरदा हादसा: प्रशासन है गुनहगार! 11 गड़बड़ियां मिलने के बावजूद क्यों बनने दिए पटाखे?

Madhya Pradesh's Harda firecracker factory blast News: मंगलवार को मध्यप्रदेश के हरदा में जिसने वो भयावह मंज़र देखा, रुका, मोबाइल में तस्वीरें लेने की कोशिश की वो भी तस्वीर का हिस्सा बन गया. 11 लोगों में से कई लोगों के शव पोटली में उठे, लेकिन कई सवालों को ज़मीन में दफन करने की कोशिश हुई, जिसे 2022 में सरकारी जांच की फाइलों से एनडीटीवी ढूंढ लाया है. 2022 में तत्कालीन हरदा एसडीएम श्रृति अग्रवाल (Harda SDM Shriti Agarwal) ने पटाखे बनाने वाली इस फैक्ट्री की जांच कर 11 सवाल उठाये थे, जो सही मिले थे और उनके आधार पर जिला कलेक्टर ने फैक्ट्री का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया था. इस जांच की कॉपी एनडीटीवी के पास मौजूद है, जिसमें इन 11 सवाल को बताया गया है. हालांकि बाद में दीपावली के नाम पर इस आदेश पर स्टे दे दिया गया और अब इस भीषण विस्फोट और अग्निकांड में हरदा के कई घरों के चिराग बुझ गए. आइए देखते हैं सरकारी जांच में कौन से 11 सवाल उठाए गए थे. 

 Madhya Pradeshs Harda firecracker factory blast: सरकारी जांच में उठे थे ये सवाल

Madhya Pradesh's Harda firecracker factory blast: सरकारी जांच में उठे थे ये सवाल

1. पटाखा निर्माण परिसर के स्वीकृत नक्शे/ ड्राईंग की जानकारी मौजूद नहीं थे.

2. पटाखे एक मंजिला बिल्डिंग के अंदर बनने थे. जिसके सारे दरवाजे बाहर खुलने चाहिये.

लेकिन जांच में फैक्ट्री 2 मंज़िला मिली. जिसमें पहले माले पर पटाखे बन रहे थे तो दूसरे में तैयार किए गए पटाखे और बारूद रखे हुए थे.

3. पटाखे एक खास कमरे में बनाए जाएंगे, जिसकी भंडारण की जगह से दूरी कम से कम 45 मीटर होनी चाहिए. लेकिन हरदा में पटाखा निर्माण, कमरा, स्टोरेज, सब एक ही बिल्डिंग में था.

 Madhya Pradeshs Harda firecracker factory blast: सरकारी जांच में उठे थे ये सवाल

 Madhya Pradesh's Harda firecracker factory blast: सरकारी जांच में उठे थे ये सवाल

4. स्टोर रूम में जहां पर विस्फोटक बनाने का सामान रखा जाता है, वहां बड़ी मात्रा में खुली छत पर 18 बड़े टब में मैदा घुला हुआ, 6 ड्रम कलर घुला हुआ, 108 सुतली धागा बंडल, अनुमानित 36 बोरी डस्टिंग पावडर, खुला हुआ मैदा 55 बड़े टब में और 127 बोरी मेदा पावउडर पाया गया, जो शर्तों का उल्लंघन है.

5. नियम कहता है कि कारखाने में विस्फोटक की मात्रा एलई-1 में उल्लेखित से अधिक नहीं होगी.

लेकिन जांच में करीब 7 लाख 35 हजार नग सुतली बम और दूसरे पटाखे मिले जो दर्शाता है कि यहां निर्धारित 15 किलो ग्राम मात्रा से कई गुना अधिक मात्रा में मैन्युफैक्चरिंग की जा रही थी.

6. आतिशबाजी बनाने और स्टोर रूम के लिए दरवाजे लकड़ी के बने होने चाहिए या जीआई चादर से ढंके लकड़ी के फ्रेम से बने हो, जिनमें लोहे के कब्जे  नहीं होंगे. लेकिन यहां पूरे परिसर के दरवाजे लोहे या स्टील से बने थे.

 Madhya Pradeshs Harda firecracker factory blast: सरकारी जांच में उठे थे ये सवाल

 Madhya Pradesh's Harda firecracker factory blast: सरकारी जांच में उठे थे ये सवाल

7. आतिशबाजी और स्टोरेज का स्थान के लिए तय भवनों के कमरे आमने-सामने नहीं होने चाहिए थे, लेकिन यहां दोनों के कमरे आमने-सामने थे. 

8- विस्फोटक नियम 2008 के नियम 13 (1) के मुताबिक अनुसार कम से कम 15 सेमी. से अधिक गहरी सीमेंट की ट्रोजिमा या ट्रफ को या भंडारघर के प्रत्येक प्रवेश में लगाया जाएगा. ऐसे ट्रोजिमा में साफ पानी होगा जहां कोई भी शख्स बगैर पैर डुबोये, अंदर नहीं जाएगा लेकिन जांच में पाया गया कि इस तरह के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था.

Madhya Pradeshs Harda firecracker factory blast

 Madhya Pradesh's Harda firecracker factory blast: सरकारी जांच में उठे थे ये सवाल

9. जिस काम के लिये कमरा निर्धारित गया हो उसमें वही काम होगा, लेकिन वहां एक ही परिसर के कुछ कमरों में निर्माण में उपयोग होने वाले कलर्स, पैकिंग सामग्री, प्लास्टिक के बैग सभी एक साथ पाए गए थे, जिससे नियम 2008 के नियम 28 का उल्लंघन हुआ.

10. विस्फोटक नियम 2008 के नियम 32 अनुसार भवन के बाहर एवं भवन के अंदर अनुज्ञप्ति प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित भवन की पहचान संख्या और नाम, मानक सीमा, और विस्फोटकों की सीमा सामान्य सुरक्षा अनुदेशों, प्रचालक अनुदेशों आदि का प्रदर्शन करना अनिवार्य है, लेकिन जांच के समय विस्फोटक नियम 2008 के नियम 32 का पालन होना नहीं पाया गया.

11. तीन लाइसेंस नियमानुसार अलग-अगल स्थानों पर होना चाहिए. लेकिन मौके पर तीनों लाइसेंस एक ही परिसर बैरागढ़ में पाए गए थे. मौके पर तीनों लाइसेंस के संबंध में अलग-अलग स्टॉक लाइसेंस के लिए अप्रूव्ड नक्शों के संबंध में भी जानकारी पेश नहीं की गई थी.

यह भी पढ़ें : हरदा पटाखा फैक्ट्री में नक्शे-ड्राइंग व नियमों का पालन नहीं, ग्राउंड जीरो से जीतू पटवारी ने गिनाई गड़बड़ियां

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