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मध्यप्रदेश के थानों में मंदिर बनाने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, कहा- ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन

MP Police News: मध्यप्रदेश के पुलिस स्टेशनों में मंदिरों के निर्माण पर जबलपुर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने कहा है कि ये सीधे-सीधे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंधन है. जिसमें कहा गया है कि किसी भी सरकारी संपत्ति में किसी भी तरह के धार्मिक ढांचे का निर्माण अवैध है.

मध्यप्रदेश के थानों में मंदिर बनाने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, कहा- ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन

Jabalpur High Court News: मध्यप्रदेश के पुलिस थानों के अंदर मौजूद और नए निर्माण हो रहे मंदिरों पर हाईकोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश भर के थानों (Madhya Pradesh Police Station) में हो रहे मंदिर के निर्माण को अवैध बताया है और उस पर रोक लगाने को कहा है. जबलपुर में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और जज विवेक जैन की पीठ ने साफ निर्देश दिया है कि भविष्य में ऐसे अवैध निर्माण बिल्कुल न हों. साथ ही मौजूदा मंदिरों के मसले पर भी 19 नवंबर को सुनवाई करने की बात कही है. हाईकोर्ट ने इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया है. 

मुख्य सचिव को हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस

दरअसल ओपी यादव नाम के शख्स ने प्रदेशभर के थानों में हो रहे मंदिरों के निर्माण के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. उनकी ओर से सतीश वर्मा, अमित पटेल, और ग्रीष्म जैन ने कोर्ट में जिरह की. सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस मामले में मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (गृह विभाग), नगरीय प्रशासन विभाग, डीजीपी, जबलपुर के एसपी/कलेक्टर, और चार थाना प्रभारियों - सिविल लाइंस, विजय नगर, मदन महल, और लॉर्डगंज के थानेदारों को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने इन अवैध निर्माणों पर रोक लगाते हुए यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि भविष्य में कोई भी अवैध निर्माण कार्य न हो. 

याचिकाकर्ता के वकील सतीश वर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही आदेश जारी किया था कि किसी भी सरकारी भूमि या परिसर में धार्मिक ढांचे का निर्माण नहीं किया जा सकता है. इसके बावजूद, प्रदेश के कई थानेदारों ने इस आदेश की अवहेलना करते हुए थानों के अंदर मंदिर बनवाने का कार्य जारी रखा है, जो की कानून का उल्लंघन है.

कोर्ट के इस रुख के बाद अब अलग-अलग थानों में मौजूद मंदिरों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. देखने वाली बात ये है कि क्या हाईकोर्ट इस पर भी कोई निर्देश जारी करेगा? बता दें कि याचिका में याचिकाकर्ता ने मांग की है कि सभी अवैध मंदिरों को तुरंत हटाया जाए और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सिविल सर्विस रूल्स के तहत कठोर कार्रवाई की जाए. इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 19 नवंबर 2024 तय की गई है.
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