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मध्य प्रदेश में 'स्मार्ट मीटर' बना संकट! जहां एक बल्ब जलता है, वहां का बिल भी लाखों में क्यों?

Smart Meter: भगवान सिंह 55 साल के भगवान सिंह तीन कमरों के मकान में अपने परिवार के पांच सदस्यों के साथ रहते हैं. उनके घर में एक फ्रिज, दो कूलर और दो LED बल्ब हैं....लेकिन जनवरी से जून तक का जो बिजली बिल आया है, वो उनके लिए किसी झटके से कम नहीं. ये बिल है पूरे 24 हज़ार 546 रुपये का है.

मध्य प्रदेश में 'स्मार्ट मीटर' बना संकट! जहां एक बल्ब जलता है, वहां का बिल भी लाखों में क्यों?

New Smart Meter News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बिजली विभाग (Electricity Department) द्वारा लगाए गए स्मार्ट मीटर आम जनता के लिए स्मार्ट संकट बनते जा रहे हैं, खासकर झुग्गी बस्तियों और निम्न आय वर्ग के परिवारों पर इसका असर सबसे ज्यादा पड़ रहा है. जहां पहले 200 से 500 रुपये तक का मासिक बिल आता था, वहीं अब 6 महीने में 24 से 30 हज़ार तक के बिल थमाए जा रहे हैं. कुछ जगहों पर लाखों में भी बिल आ चुके हैं. वैसे घर जो टीन शेड के हैं और एक कूलर और एक बल्ब ही चलता है, वहां भी हजारों का बिल आना अब आम बात हो गई है. लोग परेशान हो रहे हैं.

शिकायत तो दर्ज हो रही हैं, लेकिन समाधान के नाम पर सिर्फ दौड़-भाग ही मिल रहे हैं. ये स्थिति तब है, जबकि सरकार के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग कह चुके हैं-जनता की शिकायतों की जांच प्राथमिकता पर की जाए. हालांकि, यहां ये बात भी गौर करने लायक है कि खुद प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर साफ कहते हैं कि स्मार्ट मीटर जनता के हित में है. बहरहाल, NDTV ने ग्राउंड पर जाकर परेशान लोगों से बात की. उससे जो बातें सामने आई हैं, उस पर जिम्मेदारों को गौर करना चाहिए. 

पहले 300 रु. तक आता था बिल, अब हजारों में

सबसे पहले हमें मिले भोपाल में ही रहने वाले. भगवान सिंह 55 साल के भगवान सिंह तीन कमरों के मकान में अपने परिवार के पांच सदस्यों के साथ रहते हैं. उनके घर में एक फ्रिज, दो कूलर और दो LED बल्ब हैं....लेकिन जनवरी से जून तक का जो बिजली बिल आया है, वो उनके लिए किसी झटके से कम नहीं. ये बिल है पूरे 24 हज़ार 546 रुपये का. गवान सिंह टिफिन सेंटर चलाते हैं, महीने में बमुश्किल 8 से 10 हज़ार की कमाई होती है ऐसे में ये बिजली बिल उनके लिए बोझ नहीं,आफ़त बन गया है.विभाग ने पूरा भुगतान नहीं होने पर उनका कनेक्शन काट दिया है.हालांकि उन्होंने मार्च में 5 हजार और पिछले महीने 14 सौ का भुगतान किया था. वे बताते हैं कि अब मजबूरी में पड़ोसी से उधार की बिजली लेकर काम चला रहे हैं. भगवान के मुताबिक पहले उनका बिल 250 से 300 रुपये आता था लेकिन स्मार्ट मीटर लगने के बाद बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. 

बुजुर्ग महिला की जिंदगी में हुआ 'अंधेरा'

हमें दूसरी पीड़ित महिला मिलीं ये बुज़ुर्ग महिला गुलाब बाई हैं. टीन की छत वाले सिर्फ दो कमरों के इस छोटे से घर में अकेली रहती हैं, कोई बेटा नहीं है और न ही कोई पूछने वाला. उनके घर में एक कूलर और दो ट्यूबलाइट के अलावा कोई और बिजली का सामान नहीं है. बुज़ुर्ग होने के बावजूद गुलाब बाई सब्ज़ी बेचकर किसी तरह अपना गुज़ारा करती हैं, लेकिन अब बिजली बिल ने उनकी ज़िंदगी को अंधेरे में धकेल दी है. 22 हज़ार 213 रुपये का बिल भर पाने में वो असमर्थ हैं और पिछले एक महीने से बिजली कटी हुई है.टीन की छत के नीचे इस भीषण गर्मी में रहना कितना मुश्किल है, इसका अंदाज़ा वही लगा सकता है, जो ऐसी छत के नीचे कभी रहा हो. लेकिन सिस्टम को न उनकी उम्र दिख रही है, न मजबूरी...और न ही हकीकत. गुलाब बाई कहती हैं- मुझे 22 हजार रुपये बिजली का बिल भरना है. अकेले रहती हूं इतना बिजली बिल कैसे भरेंगे. अब उनके घर की बिजली काट दी गई गई है.  

बिजली के बिल से पूरा मोहल्ला 'सदमे' में

इसके बाद NDTV की टीम पहुंची विदिशा. यहां की आज्ञाराम कॉलोनी में झुग्गी बस्तियां हैं जिसमें दिहाड़ी मजदूर रहते हैं. इन मजदूरों को भी लाखों रुपये के बिजली बिल थमा दिए गए.  किसी को 7 लाख, तो किसी को 7 लाख 42 हज़ार तक का बिल.ये वही लोग हैं जो सुबह से शाम तक मज़दूरी करके किसी तरह अपने बच्चों का पेट  भरते हैं, लेकिन बिजली विभाग के इस झटके ने पूरे मोहल्ले को सदमे में डाल दिया है.यहां की सलोनी, पिंकी और किरण अहिरवार जैसी महिलाएं बताती हैं उनके घरों में सिर्फ़ एक बल्ब और एक पंखा चलता है, फिर भी जून में जब बिल आया, तो वो 7 लाख 10 हज़ार से भी ज़्यादा निकला. सलोनी बताती हैं कि वो मजदूरी करके 5 लोगों का पेट पालती है लेकिन ये 7 लाख रुपये का बिल कैसे भरेंगी?  

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ऊर्जा मंत्री ने कहा- स्मार्ट मीटर जनता के हित में है

NDTV के सवाल पर कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग कहते हैं- मैंने स्वयं भी अधिकारियों को कहा है अगर बिजली के बिल को लेकर कोई दिक्कत है तो उसकी जांच होनी चाहिए.जांच करवाकर ही लोगों को बिल दिये जायें. मैंने अधिकारियों को कहा है कि पुराने मीटर और नए मीटर में अगर कोई अंतर है तो जांच के बाद ही बिल उपलब्ध कराएं जाएं. हालांकि, प्रदेश के बिजली मंत्री जी का मानना है कि सब कुछ ठीक है. ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर कहते हैं- मैं बहुत स्पष्ट कर देना चाहता हूँ,स्मार्ट मीटर जनता के हित में है. उससे मालूम पड़ सकेगा कि हर दिन घर में कितनी यूनिट बिजली खपत हो रही है.मेरा ये कहना है कि दोनों मीटर लगा के उसकी रिपोर्ट करवा लें ,वो सेम रीडिंग आएगी. लेकिन सवाल ये है कि मध्य प्रदेश को बिजली का सरप्लस राज्य कहा जाता है,यानी बिजली है, भरपूर है. आलम ये है कि हम दिल्ली मेट्रो जैसे बड़े ग्राहकों को भी बिजली बेचते हैं लेकिन झुग्गियों में अंधेरा है...छोटे घरों में बिजली का बिल इतना ज्यादा क्यों है ? मीटर तो स्मार्ट हो गया लेकिन सिस्टम कब स्मार्ट बनेगा?

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