
Bhopal Drug Case: भोपाल पुलिस की नशे के खिलाफ मुहिम में बड़ा खुलासा हुआ है. भोपाल क्राइम ब्रांच ने नशे के साथ अब हथियार, वीडियो ब्लैकमेलिंग और शारीरिक शोषण जैसे कई गंभीर मामलों की कड़ियों का खुलासा किया है. दरअसल पहले गिरफ्तार किए गए सैफुद्दीन और शाहरूख उर्फ आशू से पूछताछ में मिले सुरागों के आधार पर पुलिस ने दो और आरोपियों यासीन उर्फ मिंटू और शावर को गिरफ्तार किया है. यासीन के पास से पिस्टल, एमडी ड्रग्स, महंगी स्कॉर्पियो कार और मोबाइल में हथियारों के वीडियो और अश्लील वीडियो पाये गये हैं, जबकि शावर के पास से एमडी पाउडर और एक महंगी गाड़ी मिली है.
क्या कुछ सामने आया?
इस पूरे मामले में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि आरोपी सिर्फ ड्रग्स नहीं बेच रहे थे, बल्कि लड़कियों और महिलाओं को फंसाकर उनके साथ बनाए गए आपत्तिजनक वीडियो के जरिए ब्लैकमेलिंग और शोषण का भी खेल खेल रहे थे. यासीन के मोबाइल में ऐसे कई वीडियो मिले हैं, जिनमें युवतियों के साथ शारीरिक संबंध बनाए गए हैं और वीडियो रिकॉर्ड किए गए हैं. वहीं, सादिक नाम के आरोपी के मोबाइल से मारपीट और अड़ीबाजी के वीडियो मिले हैं, जिनमें कुछ लोगों को बंधक बनाकर धमकाया गया है, पुलिस अब इन वीडियो में मौजूद पीड़ितों और आरोपियों की पहचान कर रही है.
पुलिस का क्या एक्शन हुआ?
अब तक क्राइम ब्रांच ने कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें हर एक की भूमिका इस नेटवर्क में अलग-अलग रही है. सबसे पहले गिरफ्तार किए गए सैफुद्दीन के पास से 8.37 ग्राम एमडी ड्रग्स बरामद हुआ था, वह पहले से ही एक मामले में फरार था और उस पर ₹5000 का इनाम भी घोषित था, उसके साथ पकड़े गए शाहरूख उर्फ आशू के पास से 6.76 ग्राम एमडी पाउडर मिला. दोनों नशे की सप्लाई क्लब पार्टियों के ज़रिए करते थे.
चौथे आरोपी शावर को गांधी नगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया, वह प्रॉपर्टी का काम करता था, लेकिन ड्रग्स के नेटवर्क में शामिल पाया गया. उसके पास से एमडी ड्रग्स और कार बरामद हुई है. इन चारों आरोपियों से जो सामग्री जब्त की गई है, उसकी कुल कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है. पुलिस अब इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है और पूरे नेटवर्क को खंगाला जा रहा है.
ड्रग नेटवर्क का यह गिरोह भोपाल के क्लबों और जिम से चलाया जा रहा था. युवाओं को पहले जिम में फिटनेस और वजन घटाने के नाम पर ड्रग्स की लत लगाई जाती थी फिर उन्हें क्लब पार्टियों से जोड़ा जाता, जहां लड़कियों को मुफ्त नशा देकर पार्टी में आकर्षण का केंद्र बनाया जाता, ताकि और युवा जुड़ सकें. खास बात यह है कि शुरुआत में महंगे ड्रग्स मुफ्त में दिए जाते थे, ताकि लत लगे और बाद में वही लड़के-लड़कियां दूसरों को नशे में फंसाएं यह चेन मार्केटिंग की तरह थी. पुलिस क्लबों पर कड़ी नजर रख रही है.
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